भारतीय अर्थव्यवस्था में किसान भाईयों का महत्वपूर्ण योगदान.
किसान और किसानी के लिए भारतीय स्टेट बैंक में अनेक योजनाएं.
केवल 32 पैसे प्रति सैकड़ा ब्याज की दर पर लोन उपलब्ध.  
बैंक से लिए गए लोन की रकम का सदुपयोग करना चाहिये

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
किसान की प्रगति और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना भारतीय स्टेट बैंक की प्राथमिकता में शामिल है। किसान भाइयों की प्रगति भारतीय स्टेट बैंक का लक्ष्य है । भारतीय अर्थव्यवस्था में देश के किसानों का महत्वपूर्ण योगदान बना हुआ है । बैंक और किसानों के बीच या फिर अन्य उपभोक्ता हो दोनों के बीच एक दूसरे पर भरोसा दोनों पक्षों के लिए बहुत जरूरी है । भारतीय स्टेट बैंक किसानों की प्रगति और आर्थिक उन्नति के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है । यह बात भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक अभय सिंह ने पटौदी क्षेत्र के गांव माजरा में बीती रात रात्रि चौपाल कार्यक्रम के तहत मेरा गांव मेरी बैंक स्कीम कार्यक्रम के दौरान कहीं। इस कार्यक्रम का आयोजन विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

संभवत यह अपने आप में एक अलग ही प्रकार का कार्यक्रम अथवा आयोजन था, जब कोई भी बैंक सीधे गांव में ग्रामीणों और किसानों के बीच पहुंचा । इसके साथ ही बैंक केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न बैंकिंग योजनाओं के विषय में किसानों को विस्तार से जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।

इस मौके पर मुख्य रूप से पटौदी की तहसीलदार रीटा ग्रोवर , भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक अभय सिंह, उप महाप्रबंधक गुरुग्राम अमरेंद्र कुमार सुमन, उप महाप्रबंधक श्री राजीव रतन श्रीवास्तव, उप महाप्रबंधक वित्तीय समावेशन कमलजीत साहनी, बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक गुरुग्राम से अमित कुमार, भारतीय स्टेट बैंक पटौदी शाखा के प्रबंधक पुष्पेंद्र यादव, क्षेत्राधिकारी फरुखनगर से अंकित यादव सहित अन्य बैंक अधिकारी भी मौजूद रहे ।

इस मौके पर बैंक के अधिकारियों के द्वारा मेरा गांव मेरा बैंक स्कीम के तहत रात्रि चौपाल कार्यक्रम में पहुंचे किसानों को बैंक के द्वारा किसान और कृषि के लिए उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न लोन योजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों को बताया गया कि किसान भाई किस प्रकार से बैंक से आर्थिक सहयोग लेकर अपनी खेती करते हुए आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकते हैं। मौके पर मौजूद ग्रामीणों और किसानों को बताया गया कि भारतीय स्टेट बैंक 32 पैसा प्रति सैकड़ा ब्याज की दर से लोन उपलब्ध करवा रहा है । इसी प्रकार से गोल्ड लोन पर 30 पैसा प्रति सैकड़ा के हिसाब से केवल मात्र 30 मिनट में लोन प्राप्त किया जा सकता है । इसके अलावा कृषि और किसानी से जुड़े उपकरण जिनमें मुख्य रुप से ट्रैक्टर व अन्य साधन संसाधन कृषि के उपकरण शामिल हैं, उसके लिए भी बैंक के दरवाजे 24 घंटे खुले हुए हैं। आवेदक को केवल मात्र संबंधित लोन प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज सहित औपचारिकताएं पूरा करनी होती है । यह कार्य होते ही बैंक के द्वारा आवेदक को उसकी जरूरत के मुताबिक लोन उपलब्ध करवाया जा रहा है। किसान भाई को ट्रैक्टर लेना हो , एजुकेशन के लिए लोन लेना हो, मकान बनाना हो, पशुपालन का कार्य करना हो या अन्य कोई भी व्यवसाय करना हो। केंद्र सरकार के द्वारा ग्रामीणों और किसानों सहित आम व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक योजनाएं बैंक के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई है। इसमें कोई भी व्यक्ति अपना उद्योग भी लगा सकता है, दुकान कर सकता है या अन्य कोई व्यवसाय भी किया जा सकता है।

इसी मौके पर भारतीय स्टेट बैंक पटौदी शाखा के प्रबंधक पुष्पेंद्र यादव और उप महाप्रबंधक गुरुग्राम अमरेंद्र कुमार सुमन ने रात्रि चौपाल कार्यक्रम के तहत मौजूद ग्रामीणों और किसानों का आवान किया कि जिस भी कार्य के लिए बैंक से लोन लिया जाए , उस रकम का उसी कार्य में उपयोग किया जाना चाहिए। समय पर लिए गए लोन की किस्त की अदायगी किया जाना लोन प्राप्त करने वाले के लिए 1 प्लस पॉइंट भी होता है। यदि लगातार और बिना किसी बाधा के नियमित रूप से लोन की किस्त अदा की जाती रहे तो लिए गए लोन में से विशेष छूट भी बैंक के द्वारा दी जा सकती है । इसी मौके पर विभिन्न 25 उपभोक्ताओं को उनकी जरूरत के मुताबिक लोन भी उपलब्ध करवाया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से गंगाराम, ओम प्रकाश, बलराम, सुभाष , धर्मचंद, पूर्व प्रिंसिपल रूपचंद यादव, वीरेंद्र सिंह ,कंचन यादव सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष भी मौजूद रहे ।

इसी कार्यक्रम में पटौदी की तहसीलदार रीटा ग्रोवर में बताया कि महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप भी बैंक के द्वारा लोन प्राप्त करके आत्मनिर्भर बनने के लिए अपना कोई भी घरेलू व्यवसाय आरंभ कर सकती हैं। इस प्रकार के सेल्फ हेल्प ग्रुप के उत्पाद और प्रोडक्ट खरीदने के लिए सरकार के द्वारा भी विभिन्न योजनाएं उपलब्ध करवाई गई हैं । बैंक अधिकारियों के द्वारा ग्रामीणों और किसानों का आह्वान किया गया अपनी बचत का पैसा भी बैंक में जमा करवाना चाहिए । इसके साथ ही ग्रामीणों और किसानों को आगाह किया गया कि बैंक के नाम पर या बैंक अधिकारी के नाम पर मोबाइल फोन पर अपने खाते से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी को नहीं बताना चाहिए। आजकल ऑनलाइन और मोबाइल के माध्यम से अक्सर लोगों को प्रलोभन वाली बातें कहकर ओटीपी के विषय में जानकारी प्राप्त की जाती है । लेकिन किसी को भी इस प्रकार की ओटीपी किसी अन्य व्यक्ति को नहीं बतानी चाहिए । एक छोटी सी लापरवाही किसी के लिए भी परेशानी और नुकसान का कारण बन सकती है । यदि किसी के साथ किसी भी प्रकार का बैंक के नाम पर धोखाधड़ी या फिर फ्रॉड हो जाता है, तो बिना देरी किए अपने संबंधित बैंक और बैंक अधिकारियों को इसके विषय में अवगत कराना चाहिए । इसी कड़ी में एटीएम का इस्तेमाल करते हुए भी सभी को सावधानी बरतना जरूरी है।

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