सरकारी नौकरी देने वाली एजेंसिया भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी हैं जहां नौकरी बेचने का खेल खुलेआम चल रहा है माननीय हाई कोर्ट ने एचएसएससी को ‘हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पीडि़त संघ’ की संज्ञा दी माननीय हाई कोर्ट ने माना है कि एचएसएससी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया ‘‘असंगत और आकस्मिक दृष्टिकोण’’ है जो कई अन्य विचाराधीन केसों के मुकाबले बहुत बड़ा मामला है क्लर्कों को हटाए जाने पर इनके लिए रोजगार का सकंट खड़ा हो गया है जिसकी जिम्मेवार पूरी तरह से भाजपा गठबंधन सरकार है नौकरी मिलने के बाद बहुत से लोगों ने मकान बनाने और अन्य चीजों जैसे कार के लिए कर्ज लिया, कइयों की शादी हो गई और बच्चे हो गए, लेकिन अब नौकरी से निकाले जाने के बाद उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है चंडीगढ़, 15 जुलाई: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकारी नौकरी देने वाली एजेंसिया भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी हैं जहां नौकरी बेचने का खेल खुलेआम चल रहा है इसलिए एचपीएससी और एचएसएससी को तुरंत प्रभाव से भंग किया जाए। 2020 में लगाए गए क्लर्कों की नौकरी जाने की दोषी सीधे भाजपा गठबंधन सरकार है। माननीय हाई कोर्ट ने एचएसएससी को ‘हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पीडि़त संघ’ की संज्ञा देते हुए कठोर शब्दों में कहा कि एचएसएससी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया ‘‘असंगत और आकस्मिक दृष्टिकोण’’ है जो कई अन्य विचाराधीन केसों के मुकाबले बहुत बड़ा मामला है। उच्च न्यायालय ने एचएसएससी द्वारा जारी किए गए संशोधित परिणामों पर भी कहा कि इनमें नियमों का उल्लंघन किया गया है। उच्च न्यायालय ने यह भी माना है कि नौकरी से हटाए गए क्लर्कों को उनके चयन का बचाव करने का उचित मौका दिया जाना चाहिए था। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जिन अभ्यार्थियों के जवाब सही थे, एचएसएससी ने उन्हें गलत माना था और गलत रिजल्ट दिया गया। करीब डेढ साल तक नौकरी करने के बाद क्लर्कों को हटाए जाने पर इनके लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है जिसकी जिम्मेवार पूरी तरह से भाजपा गठबंधन सरकार है। सरकारी नौकरी मिलने के बाद हर कोई सोचता है कि अब उसका भविष्य सुरक्षित हो गया है और वो एक अच्छी जिंदगी जी सकता है। नौकरी मिलने के बाद बहुत से लोगों ने मकान बनाने और अन्य चीजों जैसे कार के लिए कर्ज लिया, कइयों की शादी हो गई और बच्चे भी हो गए, लेकिन अब नौकरी से निकाले जाने के बाद उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। उन्होंने कहा कि जनता सरकार इसलिए चुनती है कि सत्ता में आने पर सरकार उन्हें रोजगार देगी लेकिन उसके उलट भाजपा सरकार हरियाणा के युवाओं को नौकरी से हटा रही है और प्रदेश से बाहर के लोगों को नौकरी दे रही है। पूरे प्रकरण से साफ है कि एचएसएससी और सीएम आफिस की मिलीभगत से नौकरियां बेचने का काम किया जा रहा है। Post navigation देशभर में 15 जुलाई से 30 सितंबर तक मनाया जाएगा कोविड वैक्सीनेशन अमृत महोत्सव गोहाना में शेड गिरने की दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों को दी जाएगी 5 लाख की सहायता राशि – मुख्यमंत्री