·         मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा व नौकरी दे सरकार – दीपेंद्र हुड्डा

·         खेदड़ थर्मल प्लांट से राख उठान की व्यवस्था पहले की तरह हो – दीपेंद्र हुड्डा

·         खेदड़ प्लांट की राख बेचकर मिला पैसा यदि गौशाला में लगता है तो सरकार को क्या तकलीफ है – दीपेंद्र हुड्डा

·         सरकार गाय के मुंह से निवाला निकाल रही और गौ-भक्तों पर लाठियां चला रही है  – दीपेंद्र हुड्डा

हांसी , 9 जुलाई।  मनमोहन शर्मा

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने खेदड़ में किसानों पर हुए लाठीचार्ज में एक किसान धर्मपाल सहारण की मृत्यु और कई के घायल होने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दिवंगत किसान को श्रद्धांजलि व परिवार के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में कई जगह किसान-मज़दूर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है, BJP-JJP सरकार राजहठ और टकराव का नहीं वार्तालाप और समाधान का रास्ता अपनाए। खेदड़ पावर प्लांट में पिछले 85 दिनों से ग्रामीण और किसान धरना दे रहे हैं। उन्होंने स्वयं भी धरने पर पहुँच किसानों की मांगों का समर्थन किया था, उनकी मांगें जायज हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा व नौकरी दे सरकार, साथ ही प्लांट से राख उठान की व्यवस्था पहले की तरह की जाए।

उन्होंने कहा कि खेदड़ प्लांट की राख बेचकर मिला पैसा यदि गौशाला में लगता है तो सरकार को क्या तकलीफ है? अगर निजी कंपनियों को राख का टेंडर किया गया तो गोशाला कमेटी की सारी मशीनें बेकार हो जाएंगी और गोशाला घाटे में चली जाएगी तथा हजारों गायों के पालन-पोषण का संकट पैदा हो जायेगा। एक तरफ सरकार गाय के मुंह से निवाला निकाल रही है और दूसरी तरफ गौ-भक्त किसानों पर लाठियां, वाटर कैनन चलवा रही है।

सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि पिछले महीने वो खुद खेदड़ में चल रहे किसानों के धरने पर पहुंचे थे तो ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि जब थर्मल प्लांट के पास राख के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं थी तब लाखों रुपये की मशीनें लगाकर गोशाला कमेटी ने व्यवस्था संभाली थी। इसके अलावा, 5 साल पहले थर्मल प्लांट से जो राख निकलती थी उससे आस पास के गांवों में न केवल फसल खराब हो जाती थी बल्कि गांव वालों को वायु प्रदूषण का भी सामना करना पड़ता था। अब इस राख से गौ-शालाओं का खर्च निकलने लगा तो सरकार गाय के मुंह से निवाला भी छीन लेना चाहती है।

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