बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र सिंह यादव की पहचान बन चुकी ‘ट्रीमैन’.
अभी तक लगा चुके हैं विभिन्न प्रकार के लगभग 5000 से अधिक पौधे.
पौधे लगाने वाले छात्र-छात्राओं को समय-समय पर करेंगे पुरस्कृत.
छात्र किसी भी पसंद के नाम पर पौधे का रखेंगे मनपसद नाम

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
वह पेशे से बाल रोग विशेषज्ञ है , उनके पिता श्री कंवर सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। किताबें पढ़ना और प्रकृति के नजदीक भ्रमण करना बेहद पसंद है । नन्हे बच्चों का इलाज करते करते रुचि प्रकृति के प्रति समर्पित होती चली गई और इसके बाद पौधे लगाने का जो सिलसिला आरंभ हुआ । वह अब ट्री मैन के रूप में पहचान बना चुका है । हम बात कर रहे हैं पटौदी क्षेत्र के प्रख्यात बाल रोग विशेषज्ञ और वेस्ट एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पटौदी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सिंह यादव की ।

मौजूदा मानसून सत्र में डॉ यादव के द्वारा 500 पौधे छात्र-छात्राओं के माध्यम से लगाने का लक्ष्य रखा गया है । यह लक्ष्य इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि जिस भी छात्र को दिया गया पौधा किसी भी कारण से नष्ट हो जाएगा या फिर मर जाएगा , उस पौधे की जगह नया पौधा छात्र को उपलब्ध करवाया जाएगा । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य आज की युवा पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने से अधिक समर्पित बनाना है । खास बातचीत में डॉक्टर नरेंद्र यादव ने बताया कि 500 पौधे पहले चरण में लगवाने का लक्ष्य तय किया गया है । उनका यही प्रयास होगा कि जो भी पौधे पहले चरण में छात्रों को दिए जाएं, वह छात्र कक्षा 10वीं के छात्र ही हो। इसका सीधा और सरल तात्पर्य यह है कि 12वीं कक्षा तक संबंधित छात्र अपने द्वारा लगाए गए पौधे की देखभाल स्वयं ही करेगा । ऐसे में कम से कम 3 साल किसी भी पौधे की देखभाल और उसके भरण पोषण के लिए पर्याप्त रहेंगे। उन्होंने बताया पौधे देने के साथ-साथ छात्रों को ट्री गार्ड भी उपलब्ध करवाए जाएंग।े जिससे कि लगाए गए पौधे की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके ।

डॉ यादव जो कि समय-समय पर वेस्ट अकैडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों से भी संवाद करते हुए छात्रों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं । एक अनुमान के मुताबिक डॉ यादव पटौदी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर अपने मित्र और सहयोगीयों के साथ मिलकर लगभग 5000 पौधे लगा चुके हैं । लेकिन इस बार मानसून सत्र में लक्ष्य बिल्कुल अलग तय किया गया है । डॉ यादव ने कहा पौधे लगाना ही पर्याप्त नहीं है , सबसे महत्वपूर्ण है पौधों को जीवित किस प्रकार से रखा जाए। पौधे लगाने या फिर लगवाने का लाभ तब ही है , जब पौधे जीवित रहकर भविष्य में भव्य पेड़ का स्वरूप प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा यह प्रयास भी किया जाएगा कि औषधीय पौधे भी छात्रों को उपलब्ध करवा कर उनका उचित स्थान पर पौधारोपण करवाया जाए ।

डॉ यादव ने बताया छात्रों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि जो भी कोई पौधा छात्र लगाए । छात्र अपने द्वारा लगाए गए पौधे का नाम अपने किसी भी पसंद के नाम पर रख सकता है । वह नाम किसी मित्र का हो, किसी देवता का हो, किसी अध्यापक का हो या फिर घर परिवार के किसी सदस्य का हो या फिर नेता का हो अभिनेता का हो। लगाए जाने वाले पौधे का नाम रखने के लिए छात्रों को विशेष रूप से प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही समय-समय पर वह स्वयं और उनके द्वारा बनाई गई टीम के सदस्य जहां जहां भी पौधारोपण किया जाएगा , उन पौधों का मौका मुआयना भी करेंगे । जिससे यह पता लग सकेगा कि लगाए गए सभी पौधे जीवित हैं । किन्ही कारणों से छात्र के द्वारा लगाया गया पौधा नष्ट हो जाता है या फिर मर जाता है उस पौधे के बदले में संबंधित छात्र को नया पौधा उपलब्ध करवाया जाएगा । सीधा और सरल टारगेट है जितने पौधे पहले चरण में लगाए जाएंगे , 3 साल तक किसी भी पौधे को किसी भी कीमत पर न तो नष्ट होने दिया जाएगा और ना ही मरने दिया जाएगा ।

उन्होंने बताया इतना ही नहीं छात्र के द्वारा लगाया गया पौधा जितनी अधिक तेजी से बड़ा होगा या फिर पौधे का विस्तार होगा समय-समय पर ऐसे छात्रों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।  3 वर्ष के उपरांत ऐसे छात्रों को स्कूल में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर समृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया जाएगा, जिन छात्रों के पौधे 3 वर्ष की अवधि में सबसे अधिक स्वस्थ और फले-फूले मिलेंगे । उन्होंने कहा छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त जो भी व्यक्ति पौधारोपण में रुचि रखता हो , ऐसे व्यक्ति को भी पौधारोपण के लिए पौधा अवश्य उपलब्ध करवाया जाएगा । लेकिन यह वायदा करना होगा कि जो भी पौधा जहां भी लगाया जाएगा उसको वृक्ष बनने तक पौधे की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी।

उन्होंने कहा इस पूरे अभियान का सबसे महत्वपूर्ण संदेश और शिक्षा यही है कि पर्यावरण के प्रति हम सभी को समय रहते जागरूक होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। क्योंकि जिस प्रकार से वातावरण प्रदूषित हो रहा है , उसका प्रत्येक जीव ही नहीं प्रकृति पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखा जा सकता है । 500 पौधे कैसे और किस प्रकार से छात्रों के माध्यम से लगाए जाने हैं ? इसका पूरा प्लान भी तैयार किया जा चुका है । जल्द ही छात्रों को पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे और यह पौधे गार्डनर की देखरेख में ही लगवाए जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि पौधा सही प्रकार से लगाया जा सके । ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार नन्हे बच्चे की देखभाल आरंभ की जाती है । उन्होंने उम्मीद जाहिर की पौधारोपण का यह अभियान निश्चित ही युवा छात्र वर्ग में पर्यावरण और प्रकृति के प्रति समर्पण सहित सामाजिक जिम्मेदारी का भी बीजारोपण करेगा।

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