सीएम ने एक सप्ताह में अधिकारियों को समाधान निकालने के दिए निर्देश.
मानेसर क्षेत्र के गांव कासन, सहरावन और कुकड़ोला के ग्रामीण प्रभावित.
एमएलए जरावता ने सीएम के समक्ष किसानों के समर्थन में की पैरवी.
प्रभावित किसान 2011 के हिसाब से नहीं देना चाहते अपनी जमीन

फतह सिंह उजाला

पटौदी । हरियाणा प्रदेश के 11वें और जिला गुरुग्राम के दूसरे मानेसर नगर निगम जोकि औद्योगिक क्षेत्र के रूप में भी विख्यात है । इसी मानेसर नगर निगम इलाके के 3 गांवों की जमीन का मामला कथित रूप से सरकार के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। जमीन बचाओ , किसान बचाओ, संघर्ष समिति के बैनर तले बीते कई दिनों से मानेसर चौक पर ही प्रभावित ग्रामीण और किसान अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। इतना ही नहीं एक दिन पहले ही धरने पर बैठे बड़ी संख्या में प्रभावित गांवों के किसानों सहित महिलाओं के द्वारा अपनी-अपनी झोलियां फैलाकर सीएम मनोहर लाल खट्टर और सांसद तथा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समक्ष 1810 एकड़ जमीन को अधिग्रहण के दायरे से मुक्त करने की झोली फैलाकर फरियाद की गई।

संघर्ष समिति के प्रधान रोहतास यादव के मुताबिक बावल क्षेत्र में 3600 एकड़ जमीन जब सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा रिलीज की जा सकती है । तो फिर ऐसे में मानेसर क्षेत्र के 1810 एकड़ जमीन को भी रिलीज किया जा सकता है । इसी मुद्दे को लेकर ग्रामीण लगातार आंदोलनरत हैं । संडे को भी अचानक से बहुत से ग्रामीण और किसान पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के मानेसर स्थित आवास पहुंच गए और करीब ढाई घंटे तक घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया गया। हालांकि इस मौके पर पटौदी के एमएलए एडवोकेट जरावता ने 18 10 एकड़ जमीन मुद्दे पर बोलते हुए इस पूरे मामले में कांग्रेस सरकार और कांग्रेस नेताओं को कटघरे में खड़ा किया । उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान इस जमीन का अधिग्रहण किया गया था और मुआवजा भी उसी समय ही तय किया गया था । उन्होंने जमीनों के मुआवजे को पूरी तरह से खारिज करते हुए किसानों की मांग का समर्थन के करते कहा था कि किसानों को जमीन का दाम मिले तो खुले बाजार के दाम पर ही मिलना चाहिए । हालांकि इस मुद्दे को उनके द्वारा विधानसभा में उठाते हुए हरियाणा सरकार से 1810 एकड़ जमीन को किसान हित में रिलीज करने की मांग उठाई जा चुकी है ।

इसी कड़ी में जमीन बचाओ, किसान बचाओ, संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के नेतृत्व में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से जमीन को रिलीज करने की मांग लेकर मिला । संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की बातों को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने गंभीरता से और धैर्य पूर्वक सुना । इसके उपरांत उन्होंने संबंधित अधिकारियों से चर्चा करते हुए जमीन के मामले में अन्य विकल्प तलाश करने के भी निर्देश दिए। 16 किसानों के प्रतिनिधिमंडल को लेकर पटौदी एमएलए सत्यप्रकाश जरावता ने कासन की जमीन को रिलीज कराने के लिए सीएम मनोहर लाल  खट्टर से मुलाकात की। सीएम ने सभी किसानों की बात को बड़े धैर्य से सुनी और संबंधित अधिकारियों से चर्चा करके सभी विकल्प तलाश करने के भी निर्देश दिए। कासन की जमीन का मामला 2011 का है, जिसमें कोर्ट ने 2011 के हिसाब से मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं । लेकिन किसान 2011 के मुआवजे के हिसाब से जमीन नहीं देना चाहते हैं ।

इस बात को भी पटौदी एमएलए सत्यप्रकाश जरावता ने जोरदार ढंग से  सीएम खट्टर के सामने रखा और किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कोई रास्ता निकाला जाए, जिससे किसानों का नुकसान नही हो। इस पर सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए की भूमि रिलीज, लैंड पुलिंग व मुआवजे पर एक हफ्ते में निर्णय करे और बीच का रास्ता निकाले। इस मुलाकात में डी एस ढेशी (माननीय मुख्यमंत्री जी के मुख्य प्रधान सचिव ), आईएएस पी.के दास (माननीय वित्तीय आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त), विजेंद्र कुमार (अतिरिक्त मुख्य सचिव एचएसआईआईडीसी),  निशांत यादव डीसी गुरुग्राम व किसानों के प्रतिनिधिमंडल में सतदेव सरपंच, ऐडवोकेट विनोद चौहान, रोहताश सरपंच, नरसिंह, रमेश सरपंच, प्रदीप, हेमचंद, रोशन यादव, महेंद्र, राजबीर, बिरेंद्र, महेश, अजय, झमन, नरदेव, फतेह सिंह मौजूद रहे।

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