जमीन बचाओ, किसान बचाओ संघर्ष कमेटी आने वाली पीढियों की रोटी बचाने की लड़ाई लड़ रही है : सुनीता वर्मा

क्षेत्र के स्वाभिमानी लोग खेती और किसानी बचाने की लड़ाई मिलकर लडेंगें और जितेंगें

पटौदी – 5/7/2022 :-महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने ‘जमीन बचाओ, किसान बचाओ संघर्ष कमेटी’ के आन्दोलन को आईएमटी चौक मानेसर पहुंच कर अपना समर्थन दिया। कासन, सहरावन, कुकडोला गांव की 1810 एकड जमीन के सैक्शन -4 (2011), सैक्शन -6 (2020) के द्वारा भूमि अधिग्रहण को रद्द करने के लिए 14 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में पहुंची महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि वो अपनी पूरी सामर्थ्यता के साथ आप लोगों के इस संघर्ष में साथ हैं। उन्होनें बीजेपी के एक बड़े नेता द्वारा इस विषय में दिए गए उस बयान का जिक्र भी किया जिसमें उन्होनें इस अधिग्रहण की समस्या के लिए तत्कालीन कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था, इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होनें कहा की उन नेता द्वारा जनता को भ्रमित करने वाले ऐसे अनर्गल बयान देते हुए सोचना चाहिय की यदि ऐसा है भी तो उस समय वो खुद भी तो कांग्रेस में थे तब वो इस पर क्यों चुप रहे, क्या उस समय उनके चुप रहने से उनके निजी हित सध रहे थे? और अगर उस समय वो चुप रहे तो वो अब जनता व क्षेत्रवासियों की आवाज बन कर क्यों नही मुखर हो रहे, अब तो वो ये अन्याय न होनें दें या फिर वो अब भी चुप ही रहेंगें?

महिला कांग्रेस नेत्री ने धरनारत लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि करीब 2000 परिवारों की जमीने हाथ से निकल जाने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी सहित रोजगार का भी संकट किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है, इसलिए सरकार को इन परिवारों के अस्तित्व को बचाने के लिए इनकी उचित मांगें माननी चाहिए।

उन्होनें अपने सम्बोधन में स्थानीय विधायक पर भी हमला बोलते हुए कहा की एक तरफ तो वो कहते हैं की प्रदेश के सीएम उनकी बात मानते हैं वो उनके कहने से इस क्षेत्र को उनका पुरा हक़ दे रहे हैं तो वो विधायक यहां धरना स्थल पर आकर इस सरदारी को बताएं की फिर इस बार उनकी बात सीएम साहब सुन नही रहे, या वो बातें मानने वाला उनका बयान केवल हवाबाजी व झुठा था, या फिर विधायक जी इस समस्या के बारे में सीएम को बता ही नही रहे अथवा विधायक जी इन धरनारत किसानों के हक़ व अधिकारों की मांग उठाने के खिलाफ हैं, क्या समझा जाए विधायक जी बताओ जनता को।

वर्मा ने कहा कि अगर सरकार कोई रास्ता नही निकालती है तो यहां की शान्तप्रिय जनता सडकों पर उतरकर रोड जाम करेगी और ये परिवार अपने बच्चों के साथ आमरण अनशन शुरु करेंगें जिसकी जिम्मेदार खट्टर सरकार होगी। उन्होनें कहा की वो खुद अपने परिवार व बच्चों के साथ इस आन्दोलन में शरीक रहेगी। उन्होनें कहा कि सरकार को टकराव से बचने के लिए धरनारत लोगों से वार्ता शुरु करनी चाहिए और जन-भावनाओं का संज्ञान लेते हुए प्रभावित लोगों से बात कर उनकी इन जायज़ माँगो का जल्द समाधान करना चाहिए।

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