भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम निगम के चुनाव के लिए भाजपा निकाय मंत्री कमल गुप्ता को प्रभारी नियुक्त कर दिया है। मेयर और पार्षदों की कार्यशैली में भी अंतर आया दिखाई दे रहा है। तात्पर्य यह कि गुरुग्राम निगम के चुनाव की तैयारियां आरंभ हो गई हैं।

कल की निगम की सामान्य बैठक इस बात की गवाह है कि उस बैठक में केवल जनता को प्रसन्न करने वाली ही बातें की गईं लेकिन वह जनता इनकी बातों में आ जाएगी? पिछले वर्षों में झेली हुई परेशानियों को भूल जाएगी? भ्रष्टाचार की चर्चाओं को निकाल पाएगी दिमाग से?

सदन की मीटिंग में अनेक पार्षदों द्वारा कहा गया कि बरसात आने से पहले बरसाती कार्य करा दिए जाएं। प्रश्न यह उठता है कि अब बरसात आने में कितना समय है? क्या इतने समय में कोई काम संभव है? उसी बैठक में यह भी सवाल उठा कि सड़कों पर अवैध लगे बोर्डों को हटाया जाए और जांच की जाए।

पिछले सालों से लगातार बोर्ड लग रहे हैं। वर्तमान में भी कई जगह तो पार्षदों, विधायक के नये साल, लोहड़ी, संक्रांत की बधाई के बोर्ड लगे हुए हैं। 

इसी प्रकार निगम में भ्रष्टाचार पर पिछले दिनों चीफ इंजीनियर पर कुर्सी तक उठाई गई, हड़तालें हुईं लेकिन परिणाम यह निकला कि बंदरबांट की लड़ाई शायद बंदरबांट से ही समाप्त हो गई।

बड़ा प्रश्न गुरुग्राम की मेयर कर क्या रही हैं? 

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