विधायक और जिला प्रधान चुनाव प्रचार से दूर, भाजपा नेता चेयरमैन मुकेश गौड़ प्रचार अभियान में सक्रिय, अग्रीपथ योजना ने तोड़े भाजपा के वोट

ईश्वर धामु

भिवानी। भिवानी नगर परिषद का चुनाव प्रचार अभियान समाप्त हो रहा है। लेकिन अभी भी भाजपा का परम्परागत पंजाबी बोट पार्टी के लिए एक चुनौती बना हुआ है। भिवानी नगर परिषद क्षेत्र में पंजाबी मतदाताओं की संख्या 21300 है। अभी तक पंजाबी मतदाताओं का रूख स्पष्ट नहीं हो पाया है। पंजाबियों की महापंचायत ने आप पार्टी की प्रत्याशी इंदू शर्मा को समर्थन देने का ऐलान किया है। दूसरी ओर पजाबियों के दूसरे ग्रुप ने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मीनू अग्रवाल को समर्थन दिया है। एक पंजाबी वर्ग ऐसा भी है जिसने निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति भवानी सिंह को समर्थन देने की घोषणा की हुई है। इस तरह एकजुट रहने वाला पंजाबी वर्ग कई विचारधाराओं में बंट गया है। पंजाबी वर्ग को भापजा के साथ फिर से जोडऩे के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई है।

चर्चाकारों का कहना है कि भाजपा सरकार और संगठन भिवानी नगर परिषद चेयरमैन की सीट भाजपा प्रत्याशी प्रीति मान के लिए सुरक्षित नहीं मान रही है। शहर का सट्टा बाजार भी भाजपा प्रत्याशी की जीत नहीं दिखा रहा है। ऐसे में भाजपा सरकार ने शीर्ष नेताओं की पूरी टीम भिवानी के लिए नियुक्त कर दी है। प्रदेश का पंजाबी चेहरा पूर्वमंत्री मनीष ग्रोवर पंजाबियों को मनाने के लिए दो बार भिवानी आ चुके हैं। लेकिन मनीष ग्रोवर के भिवानी आने के परिणाम आपेक्षित नहीं रहे हैं। अभी भी भाजपा को भय है कि पंजाबी वोट उसको नहीं मिलने वाला है। दूसरी ओर स्थिति यह है कि भाजपा का विधायक घनश्याम सर्राफ, जिला प्रधान शंकर धूपड़ भाजपा प्रत्याशी के प्रचार से किनारा किये हुए हैं। विधायक सर्राफ पर तो भाजपा प्रत्याशी की मदद न करने के आरोप लग रहे हैं। क्योंकि उनके अति विश्वसनीय भवानी प्रताप सिंह परर्टी की टिकट न मिलने से असंतुष्ट होकर चुनाव मैदान में है। ऐसे में विधायक की मदद अधिक चर्चा का विषय नहीं रही।

भाजपा सांसद रेडमैन धर्मबीर सिंह अंतिम दिन चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरे हैं। अभी तक उन्होंने चुनाव प्रक्रिया से लेकर चुनाव प्रचार तक दूरी बनाए रखी हुई थी। भाजपा के युवा नेता एवं हरियाणा युवा आयोग के चेयरमैन मुकेश गौड़ अकेले ऐसे भाजपाई है जो पहले दिन से ही अपनी युवा टीम के साथ चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार मुकेश गौड़ प्रतिदिन 25 से 35 स्थानों पर चुनाव प्रचार अभियान चला रहे हैं। वे रात को नियमित रूप से अपनी टीम के सदस्यों से फीड बैक लेते हैं। इनके अलावा भाजपा का कोई भी स्थानीय नेता चुनाव प्रचार के लिए मैदान में दिखाई नहीं देता। अब तो हालात ये हैं कि भाजपा के जिला प्रधान शंकर धूपड़ पर सोशल मीडिया में कई तरह के आरोप लग रहे हैं।

चर्चाकारों का कहना है कि किन्हीं स्थितियों में भाजपा प्रत्याशी प्रीति मान चुनाव हार जाती है तो विधायक घनश्याम सरार्फ और जिला प्रधान शंकर धूपड़ के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्र चिन्ह लग जाएगा? यह भी चर्चा है कि भाजपा प्रत्याशी अपने जातीय वर्ग जाट मतदाताओं का भी पूर्ण विश्वास नहीं जीत पा रही है। क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या 11 हजार 400 है। चुनाव में जाट मतदाता हार-जीत में एक अहम् भूमिका निभाते हैं। इतना ही नहीं सेना भर्ती में सरकार द्वारा किये गये परिवर्तन पर युवा उग्र हो चला है, अग्रीपथ नामक इस योजना का हर जाती और वर्ग का युवा खुल कर सडक़ पर आया हुआ है। सेना की अग्रीपथ योजना भाजपा के चुनाव को सीधे रूप से प्रभावित करेगी। इस तरह भाजपा के सामने चुनाव जीतने के लिए कोई भी आसान और सीधा रास्ता नहीं बचा है।    

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