पार्टी के बड़े नेताओं के आने का इंतजार, समस्त भारतीय पार्टी के समर्थन पर लगी निगाहें, जातीय आधार पर बनने लगे वोटों केे समीकरण

ईश्वर धामु

भिवानी।  हवाओं की गर्मी से भिवानी नगर परिषद चुनाव को लेकर राजनैतिक माहौल कहीं ज्यादा गर्म है। गर्म हवाओं के 45 डिग्री तापमान में प्रत्याशी अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ वोट मांग रहे हैं। एसी कमरों और कारों में रहने वाले अब वोट की खातिर भीष्ण गर्मी में गलियों के चक्कर लगा रहे हैं। इस बार एक बात उभर कर सामने आई है कि जंहा नेताओं का राजनैतिक सोच का ग्राफ बढ़ा है, वहीं मतदाताओंं में भी अधिक जागरूकता आई है। मतदाता प्रत्याशी के प्रचार अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।

अब वोट के लिए जातीय समीकरण बनने लगे हैं। अपनी जाति के प्रत्याशी के बारे में मतदाता खुलेआम बातें करने लगा है। वोट के लिए प्रत्याशी मतदाताओं की रिस्तेदारी तक पहुंच रहे हैं। ताकि सम्बंधों के प्रभाव से वोट बढ़ा सके। बड़े नेताओं को भी प्रत्याशी प्रचार के लिए बुला रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी प्रीति मान के चुनावी प्रचार के लिए कृषि मंत्री जेपी दलाल आ चुके हैं। पर अभी तक कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मीनू अग्रवाल के लिए पूर्व मंत्री किरण चौधरी नहीं आई है। पर किरण चौधरी की पूर्व सांसद बेटी ऋुति चौधरी प्रचार पर आ चुकी है।

कल सोमवार को आप पार्टी की प्रत्याशी इंदू शर्मा के चुनाव प्रचार के लिए अशोक तंवर आ रहे हैं। पर इनेलो प्रत्याशी कुलदीप कौर के लिए पार्टी का कोई नेता प्रचार के लिए नहीं पहुंचा है। कुलदीप कौर स्थानीय पदाधिकारियों के साथ मिल कर अपना चुनाव प्रचार अभियान चला रही है। भाजपा की टिकट के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रहे नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन भानू प्रताप सिंह ने चेयर पर्सन पद के लिए अपनी पत्नी प्रीति भवानी सिंह को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारा हुआ है। वें अपना प्रचार अभियान जन समर्थन से चला रहे हैं। लेकिन भिवानी के भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ का पूरा परिवार प्रीति भवानी सिंह की मदद करने में लगा हुआ है। बताया तो यह भी गया है कि विधायक घनश्याम सर्राफ खुद भी पार्टी लाइन से हट कर पर्दे के पिछे रह कर प्रीति भवानी सिंह की मदद कर रहा है। दूसरे प्रत्याशी अपनी हैसियत अनुसार चुनाव प्रचार चला रहे हैं।

इस दौर में पंजाबी मतदातओं की चुपी एक सवाल बनी हुई है। क्योकि अभी तक पंजाबी मतदाताओं ने अपना रूख स्पष्ट नहीं किया है। भाजपा द्वारा चेयरमैन पद के लिए टिकट में उपेक्षा किए जाने से नाराज पंजाबी मतदाता चुपी साधे हुए हैं। पर कुछ ऐसे भी पंजाबी नेता हैं, जो बुलावे का इंतजार किए बिना ही भाजपा प्रत्याशी की सहायता के लिए खुद ही पहुंच गए। प्रगतिशील विचारधारा के पंजाबी नेता अभी भी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। इतना अवश्य है कि कुछ संवेदनशील पंजाबी नेता अवश्य मुखरित हैं और अपनी ही बिरादरी के रवैय से व्यथित हैं।

दूसरी ओर समस्त भारतीय पार्टी का समर्थन पाने के लिए भी कई प्रत्याशी आगे आए हैं। लेकिन अभी तक समस्त भारतीय पार्टी ने नगर परिषद चुनाव में किसी प्रत्याशी को समर्थन करने का ऐलान नहीं किया है। मिली जानकारी के अनुसार सभापा की प्रदेश प्रधान नीलम अग्रवाल ने अपनी पार्टी का समर्थन देने के लिए पार्टी स्तर पर सर्वे करवाया है। अभी करवाए गए सर्वे की रिपोर्ट तो सामने नहीं आई है पर बताया जा रहा है कि सभापा समर्थन का ऐलान एक-दो दिन में कर देगी।

भिवानी की राजनीति में सभापा का समर्थन का अर्थ निकलता है। क्योकि पार्टी की प्रदेश प्रधान नीलम अग्रवाल का मतदाताओं पर अपना प्रभाव है और वोट बदलने की क्षमता भी है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में चुनावी राजनीति क्या मौड़ लेती है?