महँगाई दर बढ़ने से किसानों की लागत बढ़ेगी और आय घटेगी। गुरुग्राम, 10,जून 2022 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि सरकार ने ख़रीफ़ फसलों की एमएसपी महँगाई दर से भी कम बढ़ायी है।महँगाई दर बढ़ने से किसानों की लागत बढ़ेगी और आय घटेगी। केंद्र सरकार ने आगामी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की है,वह पिछले वर्ष फसलों की एमएसपी और महँगाई दर अनुमान के साथ तुलना में खरीफ की14 फसलों में से 11 फसलों धान, बाजरा, रागी, मक्का, तूर(अरहर), मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज,, तिल तथा कपास आदि की एमएसपी वृद्धि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया(आरबीआई) की 6.7% की अनुमानित महँगाई दर से भी कम है।रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया(आरबीआई) ने वार्षिक महँगाई दर 6.7% बताई है। इसका अर्थ यह हुआ कि किसान की आमदनी बढ़ने की बजाय घट जाएगी।सरकार ने जो दाम बढ़ाए हैं उसमें दावा किया गया है कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना दाम दे दिये हैं,जो कि सरासर झूठ है।इस लागत में जमीन का किराया,कृषि औजारों का अवमूल्यन से होने वाला नुकसान तथा लगाई गई पूंजी का ब्याज लागत खर्च में नहीं जोड़ा गया है, जिसकी स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की थी। स्वामीनाथन आयोग ने कहा था कि कंप्रिहेंसिव कॉस्ट से 50% अधिक फसलों का मूल्य किसानों को मिलना चाहिए ,परंतु सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही है और कह रही है कि हमने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को मान कर किसानों को लागत से डेढ़ गुना दाम दे दिये हैं,जो सरासर झूठ है। उन्होंने सरकार से माँग की कि किसानों को उनकी फसलों का वास्तविक लागत का डेढ़ गुना दाम तथा एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के लिए कमेटी गठित करके उसे तुरंत लागू किया जाए। Post navigation पंजाबी बिरादरी महा संगठन और जी॰ए॰वी॰ स्कूल 15 से 21 जून तक लगाएगा योग शिविर निगमायुक्त ने विभिन्न अधिकारियों को सौंपी अलग-अलग जिम्मेदारियां