दोबारा जाम व बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। नांगल चौधरी क्षेत्र के गांव खातोली अहीर के ग्रामीणों ने स्टोन क्रेशरों  व पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ बुधवार सुबह 9:30 बजे नारनौल धोलेडा सड़क मार्ग को जाम कर दिया । काफी देर वाहनों की लंबी कतार लगी देखकर एसएचओ निजामपुर  ने आकर ग्रामीणों को समझाकर व ग्रामीणों को आश्वासन देकर रोड जाम खुलवाया।

गौरतलब है कि गांव खातोली अहीर की सीमा में अरावली पहाड़ियों की  तलहटी में दर्जनभर स्टोन क्रेशर लगे हुए हैं जिनसे आए दिन बहुत ज्यादा धूल उड़ती रहती व प्रदूषण होता रहता है और इसका सबसे ज्यादा खामियाजा वहां स्थित महात्मा गांधी आवास योजना के तहत सरकार द्वारा बसाई गई हरिजन कॉलोनी के लोगों को झेलना पड़ता है जो वहां पर सारे दिन प्रदूषण का दंश खेलते रहते हैं । उड़ने वाली भारी धूल की वजह से ग्रामीणों को पर्यावरण प्रदूषण से जनित अनेक तरह की जानलेवा बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है । प्रशासन व सरकार का इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों ने मांग की कि स्टोन क्रशरों को नियमों के साथ संचालन किया जाए व धूल की रोकथाम के लिए पानी का छिड़काव किया जाए । अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया और समय रहते हुए हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो हरियाणा सरकार को हमें चेताना चाहते हैं कि हम दोबारा से सड़क जाम करेंगे व सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की रूपरेखा अख्तियार करते हुए कड़ा रुख अपनाने को विवश होंगे।

महेंद्रगढ़ जिले के स्टोन क्रेशरों के खिलाफ में पर्यावरण को बचाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे एनजीटी में याचिकाकर्ता, इंजीनियर तेजपाल यादव ने बताया कि हमारी याचिका “तेजपाल वर्सेस स्टेट ऑफ हरियाणा” पर महेंद्रगढ़ जिले के 72 अवैध स्टोन क्रशरों को रद्द करने के आदेश एनजीटी द्वारा दो बार हो चुके हैं । उपरोक्त आदेश के अनुपालन में स्टोन क्रेशरों की एनओसीयां भी रद्द हो चुकी थी, जिनमें गांव खातोली अहीर के लगभग दर्जनभर स्टोन क्रेशर भी शामिल थे, लेकिन हरियाणा सरकार, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के चलते खातोली अहीर के कुछ क्रेशरों को फिर से एनओसी जारी कर दी गई।

 इस समस्या के खिलाफ  लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीटी में याचिकाकर्ता एवं पर्यावरणविद् इंजीनियर तेजपाल यादव ने बताया कि मुकंदपुरा गांव के एक वैध हिस्से को जिसे चीरागपुरा कहा जाता है, उसे महेंद्रगढ़ के जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार की मिलीभगत से अवैध रूप से ढाणी घोषित करके खातोली अहीर के स्टोन क्रेशरों को राजनीतिक दबाव मे  दोबारा एनओसी दे दी गई और आज नियमों को ताक पर रखकर सरेआम धूल उड़ाई जा रही है और सारे दिन आसपास धूल का अंबार लगा रहता है।

एनजीटी में याचिकाकर्ता एवं पर्यावरणविद् इंजीनियर तेजपाल यादव ने बताया कि पर्यावरण को बचाने के लिए स्टोन क्रेशरों के खिलाफ हमारा लंबा संघर्ष आज भी जारी है। एनजीटी के द्वारा पारित आदेश जिसमें हरियाणा प्रदूषण विभाग, आईआईटी दिल्ली के एन्वाइरन्मेंट एक्सपर्ट, सांस रोग विशेषज्ञ आदि को शामिल करके 6 सदस्य उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी, व गहन छानबीन की रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे। लेकिन हरियाणा सरकार, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग व  प्रशासनिक अधिकारियों के लचर व गलत रवैए के कारण रिपोर्ट नही सौंपी जा रही है जिसकी वजह से सुनवाई लंबित हो रही है।

 इंजीनियर तेजपाल यादव ने बताया कि इस मामले की अगली तारीख अब माननीय एनजीटी में 12 जुलाई 2022 लगी हुई है, इस सुनवाई मे प्रशासनिक अधिकारियों, हरियाणा सरकार, व हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग की मिलीभगत के खिलाफ हम मजबूत तथ्यों के साथ मुद्दे को उठाएंगे! गौरतलब है कि महेंद्रगढ़ जिले के अवैध स्टोन क्रेशर मामले में इंजीनियर तेजपाल यादव ने महेंद्रगढ़ जिले की पूर्व जिला उपायुक्त गरिमा मित्तल के खिलाफ हरियाणा के राज्यपाल व विभिन्न विभागों में आपराधिक शिकायत भेज कर मोर्चा खोला हुआ है।

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