मंडन मिश्रा भिवानी – आगमी 19 जून को भिवानी नगर परिषद के चुनाव होने जाने रहे है जिसमे भिवानी के 146260 मतदाता अपने शहर के प्रथम नागरिक का चुनाव करेगे जो कि महिला आरक्षित है। मुख्य मुकाबला आम आदमी से पूर्व मंत्री वासुदेव शर्मा की पुत्रवधू इंदु शर्मा, कांग्रेस समर्थित पूर्व मंत्री स्वर्गीय बाबू रामभजन अग्रवाल की पोत्रवधू मीनू अग्रवाल, भाजपा से प्रीति हर्षवर्धन मान व स्थानीय विधायक घनश्याम सर्राफ द्वारा समर्थित पूर्व चेयरमैन प्रीति भवानी प्रताप में होने की संभावना है। बीजेपी से प्रीति मान चुनाव मैदान में है, जिसको बीजेपी सरकार होने का फायदा एवं जेजेपी से बीजेपी के गठबंधन का फायदा मिलेगा जो टूटने के बाद आखिर दिन फिर से जुड गया। दूसरा जाट कैंडिडेट होने का फायदा, क्योंकि जाट वोट का बिखराव बहुत कम होता है क्योंकि ये कौम राजनीति में सबसे ज्यादा जागरूक है। लेकिन बीजेपी को सबसे बडा नुकसान ये हो रहा है की पंजाबी समाज से भिवानी वासियो को उम्मीद थी जो लास्ट मोमेंट पे बीजेपी का परंपरागत वोटर पंजाबी, राजपूत और ब्राहण की नाराजगी की कीमत पे ऐसे उमीदवार को टिकट दी जिसका जिक्र ना था । जाट समाज की दमदार नेता किरण चौधरी का कांग्रेस समर्थित मीनू अग्रवाल के लिय वोट मांगना। कांग्रेस समर्थित मीनू अग्रवाल, भिवानी के जाने माने पूर्व मंत्री बाबू रामभजन परिवार बेदाग छवि वाले परिवार से है, किरण चौधरी का पूरा समर्थन है, इसी परिवार द्वारा धर्म और समाज सेवा के कामो में अग्रणी रहना और इनकी ससुर नंदकिशोर अग्रवाल द्वारा सदा आम जन के आगे हाथ जोड़कर उनके काम करने का प्रयास करना जबकि कांग्रेस का सिंबल न होने का नुकसान भी है । इसके अलावा बनिये समाज मे विधायक का निर्दलीय भवानी की पत्नी प्रीति के लिए वोट मांगना भी है। आम आदमी पार्टी से पूर्व मंत्री डॉ वासुदेव देव शर्मा की पुत्र वधु इंदु शर्मा मीनू अग्रवाल को कांटे की टक्कर दे रही है । इनको ब्राह्मण समाज के वोट सबसे ज्यादा होने का फायदा मिलेगा इसके अलावा करीब 6 महीने पहले टिकट मिलने के कारण शुरआत बहुत अच्छी होना व रूठे हुए को मनाने के मौका मिलना। इनके ससुर वासुदेव शर्मा का भिवानी में अपना एक निजी जनाधार है जो कि काफी काम आ रहा है । भिवानी में पिछले 5 साल बीजेपी राज में हुए भ्रस्टाचार एवं भिवानी बचाओ समिति के सदस्यों का आम पार्टी को समर्थन , ईमानदारी की छवि का फायदा मिल सकता है। निर्दलीय प्रत्याशी और नगर परिषद चेयरमैन व स्थानीय विधायक समर्थक भवानी प्रताप की पत्नी प्रीति सब से चौकाने वाला चेहरा साबित हो सकता है क्योंकि पूर्व में चेयरमैन होते हुए लोगो के खूब काम किये और बेदाग रहे। इसके अलावा विधायक का अंदरखाने समर्थन है लेकिन इनको नुकसान टिकट न मिलना, राजपूत समाज से बसपा के एक और उमीदवार का होना।बसपा उमीदवार कमलेश तंवर वीरेंद्र की धर्मपत्नी को भी कम नही आंका सकता क्योंकि वो भी सबसे पहले चुनावी दौड में आकर अपनी पहचान बना चुके है। अब सबसे बड ा उलटफेर करने की दिशा में पंजाबी समाज के वोटर रहेंगे, जिसके सबसे ज्यादा दावेदार होने के बावजूद बीजेपी से सिरे से नकार दिया जबकि विधान सभा चुनाव से पूर्व एक मीटिंग हुई थी जिसमे इनको ये आश्वासन दिया गया था की विधानसभा चुनाव में अगर पंजाबी विधायक सर्राफ का समर्थन कर दे तो नगरपरिषद के चेयरमैन की टिकट पंजाबियों को दिलाने में और जिताने में पूरी मदद करेंगे जो पूरा ना किया गया । पंजाबियों का बीजेपी से प्रेम जगजाहिर है लेकिन टिकट न मिलने से नाराज समाज ने बीजेपी को केवल इस चुनाव में सबक सिखाने की कसमें खाई जो आने वाले दिनों में कहा तक कायम रहती है। वैसे अभी चुनाव में 10, 12 दिन शेष बचे है काफी उलटफेर की संभावना को नकारा नही जा सकता और पैसो का खेल भी चलेगा क्योंकि ये चुनाव सिर्फ चुनाव न होकर भिवानी के राजनीतिक घरानों की वर्चस्व की लडाई है। आने वाली 22 जून को रिजल्ट के साथ ही सारी आकांक्षाएं जो भविष्य के गर्भ में छुपी है सामने आ जायेगी। Post navigation सीएम विंडो की जांच में भारत भवन ट्रस्ट के ट्रस्टियों को दिया अवैध करार अपने छात्रों से बहुत कुछ सीखने को मिला है: ऋतु सिंह