‘लाल‘ ने ही किये अपनो की ही ‘हत्या‘ में अपने हाथ ‘लाल‘

आरोपी ने मां से अनबन होने के बाद हत्या कर पुलिस को दी झूठी सूचना.
अप्रैल माह में अपने पिता की हत्या के बाद कर दिया था अंतिम संस्कार.
बावल पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का किया पर्दाफाश, ’एक जून की वारदात

बावल । बावल के गांव खुरमपुर में एक जून की रात हए महिला के ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश करते हुए बावल  पुलिस ने महिला के ही बेटे को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान गांव खुरमपुर निवासी जोगेंद्र पुत्र रामनिवास के रूप में हुई है। आरोपी जोगेंद्र ने मां से अनबन होने के बाद हत्या कर दी थी और पुलिस को झूठी सूचना दी थी। इससे पहले आरोपी ने अपने पिता की हत्या करना भी स्वीकार किया है।

इस मामले में  बावल डीएसपी राजेश लोहान ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में गांव खुरमपुर निवासी जागेंद्र ने कहा था कि वह एक कंपनी में काम करता है। वह खेतों में मकान बना कर रहता है। एक जून को वह ड्यूटी पर गया हुआ था और उनकी 40 वर्षीय मां सुशीला घर पर अकेली थी। रात करीब 11 बजे वह घर पहुंचा तो मेन गेट बाहर से बंद था। गेट खोल कर घर के अंदर से तीन युवक बाहर की तरफ भागते हुए निकल गए। वह तीनों को पहचान नहीं पाया। वह घर के अंदर पहुंचा तो सीढ़ियों के निकट उनकी मां सुशीला मृत अवस्था में पड़ी हुई थी और चारों ओर खून बिखरा पड़ा था। सूचना के बाद ग्रामीण व बावल थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी और महिला के सिर व चेहरे पर तेजधार हथियार से चोट के निशान भी मिले।

पति का भी मिला था शव
महिला सुशीला के पति रामनिवास की भी बीते अप्रैल महीने में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। नौ अप्रैल की रात को रामनिवास घर के बाहर पशुओं के पास सो रहे थे। अगले दिन सुबह उनके पिता का शव एक पेड़ पर फंदे से लटका हुआ मिला था। उस समय परिवार आत्महत्या समझ कर बिना पुलिस कार्रवाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। मृतक रामनिवास की दो शादियां हुई थी। पहली पत्नी रामरती से एक बेटा मनोहर व बेटी राजबाला थे। पहली पत्नी की मौत के बाद उन्होंने दूसरी शादी सुशीला की थी। दूसरी शादी से तीन बेटी व एक बेटा जोगेंद्र है। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि जोगेंद्र अविवाहित है। बावल थाना पुलिस ने जोगेंद्र की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

शक के बाद ही की गई पूछताछ
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने के लिए बावल डीएसपी राजेश लोहान व बावल थाना एसएचओ विद्यासागर की टीम गठित की थी। पुलिस ने अपने स्तर पर जांच की तो पता लगा कि सुशीला के पति रामनिवास की मौत भी संदिग्ध थी और उसके बारे में पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई थी। रामनिवास के शव पर लोगों ने चोट के निशान भी देखे थे, जबकि परिवार ने उसे आत्महत्या करना बताया गया था। पुलिस के हाथ रामनिवास के फंदा लगाकर आत्महत्या करने के फोटो भी लगे थे। फोटो की जांच के बाद पुलिस को संदेह और बढ़ गया। पुलिस ने जोगेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों हत्या करना स्वीकार कर लिया।

गले में फंदा डाल पेड़ पर लटका दिया
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका पिता रामनिवास शराब पीकर उसे व उसकी मां को तंग करता था। नौ अप्रैल की रात को जोगेंद्र ने अपनी मां सुशीला के साथ मिल कर रामनिवास की गला दबाकर हत्या कर दी थी और शव के गले में फंदा डाल कर शीशम के पेड़ पर लटका दिया था। अगले दिन पुलिस को बिना सूचना व बिना पोस्टमार्टम के रामनिवास के शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया था। अब जोगेंद्र और उसकी मां सुशीला के बीच भी अनबन रहने लगी थी और झगड़े होते थे। वारदात के दिन भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। रात को ड्यूटी से आने के बाद जोगेंद्र ने हथौड़े से सिर में चोट मार कर अपनी मां की हत्या कर दी और परिवार व पुलिस को झूठी कहानी बता दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है ।

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