बड़ा सवाल: अजय माकन जीतेंगे या कार्तिकेय वशिष्ठ?
हरियाणा के कांग्रेस विधायक बुलाए दिल्ली पांच जोड़ी कपड़ों समेत

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। कार्तिकेय वशिष्ठ के नामांकन के पश्चात राज्यसभा चुनाव रोचक हो गया है। बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि कार्तिकेय वशिष्ठ जीतेंगे या अजय माकन और साथ ही याद आ रही है 6 साल पुरानी बात, जब हरियाणा से सुभाष चंद्रा जीते थे। 

कार्तिकेय वशिष्ठ के नामांकन के पश्चात गणित लगाए जाने लगे और उनमें अंतर 3-4 विधायकों का ही आता है। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान को चिंता होनी वाजिब है और इसी को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने इन्हीं विधायकों को दिल्ली बुला लिया है पांच जोड़ी कपड़ों के साथ, जहां उनसे पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल संवाद करेंगे।ऐसी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि इन विधायकों को चुनाव की तारीख तक भारत भ्रमण पर ले जाने का कार्यक्रम बन सकता है और भारत भ्रमण में भी मेरा अनुमान है कि इन्हें कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान या छत्तीसगढ़ ले जाया जा सकता है।

भूपेंद्र हुड्डा की अग्नि परीक्षा:

 यह चुनाव भूपेंद्र हुड्डा की अग्नि परीक्षा दिखाई दे रहा है। 6 वर्ष पूर्व भी चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल थे और अब जब कुछ समय पूर्व ही इन्हें कमान सौंपी गई है, तब हाईकमान द्वारा विधायकों को दिल्ली बुलाना संदेश देता है कि हाईकमान को भूपेंद्र सिंह हुड्डा प विश्वास नहीं है। यह पिछले दिनों भी दिखाई दिया था, जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रवक्ताओं की लिस्ट जारी कर दी थी तो वह कैंसिल कर दी गई थी। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या हाईकमान को भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर विश्वास नहीं है या फिर हरियाणा के विधायकों पर?

प्रश्न फिर वही खड़ा होता है कि हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। अत: विधायकों की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की है तो क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर विश्वास नहीं है या फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की योग्यता पर, क्योंकि विधायकों को अनुशासन में रखने की जिम्मेदारी विधायक दल के नेता की ही होती है।

अकस्मात विधायकों को दिल्ली बुलाने से विधायकों में भी असमंजस है। कुछ विधायक जाना नहीं चाहते। माना जा सकता है कि हर व्यक्ति के अपने निजी कार्यक्रम हो सकते हैं। चुनाव होना है 10 तारीख को। अत: 9 जून की रात तक उन्हें बाहर रहना होगा और इसमें सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायकों को मोबाइल फोन अपने पास रखने की अनुमति नहीं होगी, जबकि विधायक चाहते हैं कि मोबाइन फोन अवश्य उनके साथ रहे।

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