फौजियों पर लोकगीत की पुस्तक का विमोचन।
“गया पलटन म्ह” पुस्तक का विमोचन।

हिसार अग्रोहा 31 मई : फौजियों की भावनाओं, संवेदनाओं और उनके परिवारजनों पर संकलित एवं लिखे लोकगीतों कि यह पुस्तक अपने आप में अनोखी और अनूठी है। लेखिका के इस प्रयास के लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। आज जब देश विरोधी ताकतें देश को तोड़ने के प्रयास कर रही हैं तो ऐसे में देश की संस्कृति, देश की अस्मिता, देश के रक्षकों के प्रति इस प्रकार के लेखन की बहुत आवश्यकता है और लेखिका ने इस कार्य को कर समाज एवं देश के लिए जो कार्य किया है वह हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है। यह कहना था राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स का। वे आज यहां महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में प्रसिद्ध लेखिका डा. संजीव कुमारी की पुस्तक ‘गया पलटण म्ह’ का विमोचन कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ मुख्य तौर पर महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज के सीईओ व एडवाइजर जनरल एयर मार्शल डॉ. आर के रान्याल भी मौजूद रहे।

डॉ. संजीव कुमारी द्वारा इस आवश्यक व अछूते विषय पर लिखी पुस्तक पर अपने विचार रखते हुए सांसद जनरल वत्स ने कहा कि देश और संस्कृति पर कार्य करने वाले विद्वान सच्चे अर्थों में देशभक्त होते हैं। इन्होंने फौजियों से संबंधित लोक गीतों को पुस्तक रुप में ढालकर एक अनमोल उपहार देश के जवानों को दिया है और इसके लिए वे प्रशंसा की पात्र हैं। लेखिका का यह प्रयास वास्तव में अनूठा और अन्य के लिए प्रेरणीय है। उन्होंने लेखिका को बधाई देते हुए उनके सुनहरे भविष्य की कामना की। वहीं एयर मार्शल डॉ. आर के रान्याल ने कहा कि राष्ट्र संस्कृति और राष्ट्र भक्ति की बेजोड़ भावांजलि इस विशेष पुस्तक में निहित है। लेखिका का यह प्रयास देश के जवानों को आल्हादित करेगा।

पुस्तक की लेखिका डॉ. संजीव कुमारी ने बताया कि इस पुस्तक में फौजियों से संबंधित लोकगीतों का संकलन है। सैनिकों से संबंधित गीतों की यह अपने आप में पहली पुस्तक है। फौजी जब ड्यूटी पर तैनात होता है तो घर पर माहौल कैसा रहता है, उनके माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी- बच्चों की संवेदनाएं, भावनाओं को दर्शाने का प्रयास इस पुस्तक में किया है।

लेखिका इससे पहले भी हरियाणवी संस्कृति को संरक्षित करते हुए कई पुस्तकें लिख चुकी हैं। विमोचन में उपस्थित गणमान्य लोगों ने लेखिका की सराहना करते हुए कहा कि हमारी कामना है वे निरंतर अपनी लेखनी को आगे बढ़ाती रहें। इस अवसर पर सानवी, परमीत, नवीन कौशिक, बनवारी लाल व अनिल बड़सी आदि मौजूद रहे।

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