-कमलेश भारतीय मेरे पिता जी राजनीति में थे , मैंने उनसे प्रेरणा ली राजनीति में आने की । वे जीवन में कोई चुनाव नहीं हारे थे । मैंने सात बार चुनाव लड़ा और तीन में जीता व चार में हारा और इस बार मंत्री भी बना । हार नहीं मानी । यह कहना है हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का । वे गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में आए थे तो लंच ब्रेक के समय कुछ समय , कुछ फुर्सत के पलों के बीच यह बातचीत हो पाई । -मूल रूप से कहां के रहने वाले हैं ?-जगाधरी । क्या काम करते हैं ?-खेतीबाड़ी । -कितनी बार चुनाव लड़ चुके ?-सात बार । तीन जीते और चार हारे । सन् 1991 से चुनाव लड़ रहा हूं । -अब पहली जून से छुट्टियां हो जायेंगी तो क्या फुल्ल छुट्टियां या कुछ काम भी होगा स्कूलों में ?-ऑनलाइन क्लासिज होंगीं यानी पढ़ाई चलती रहेगी । -कितने संस्कृति माॅडल स्कूल हैं इस समय प्रदेश में ?-पहले सिर्फ बाइस थे । फिर 138 हो चुके हैं और पांच सौ संस्कृति माॅडल स्कूल बनाने का लक्ष्य है । -शिक्षकों की कभी का काफी शोर रहता है । कुछ उपाय कर रहे हैं ?-शिक्षक पूरे करने के लिए प्रयासरत है प्रदेश सरकार । ट्रास्फर्ज के बाद इस ओर ध्यान दिया जायेगा । -कितने महापुरूषों की जीवनियां लगाई जायेंगी पाठ्यक्रम में ?-राजा नाहर सिंह , दीनबंधु छोटूराम , राव तुलाराव , हुकम चंद जैन -हांसी , उधभि सिह -सोनीपत , बालमुकंद गुप्त , विद्यावती और दूनीचंद । -आपके शौक क्या हैं ?-वैसे तो अब समय कम मिलता है लेकिन इतिहास की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है । पत्र पत्रिकायें भी पढ़ता हूं । खेती में रूचि है और शौक भी । -शिक्षक पुरस्कार बंद क्यों कर रखे हैं ?-जब कोरोना का संकट आया तब स्कूल तो लगे ही नहीं तो किस परफॉर्मेंस के पुरस्कार देते ? अब फिर से शुरू करेंगे ।हमारी शुभकामनाएं कंवरपाल गुर्जर को । Post navigation बीजेपी हरियाणा में निकाय चुनाव गठबंधन सहयोगी जेजेपी के साथ नहीं बल्कि अकेले लड़ेगी ! ओम प्रकाश धनखड़ किसान हितैषी थे चौधरी चरण सिंह : प्रो. बी.आर. काम्बोज