रोहतक. कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए कुश्ती की ट्रायल में पहलवान और रेफरी के बीच हुए ‘थप्पड़ कांड’ का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. पहलवान सतेंद्र मलिक ने अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेफरी जगबीर दहिया और सत्यदेव मलिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं, साथ ही कुश्ती फेडरेशन से अपील भी की है कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच करा कर न्याय किया जाए.

पहलवान सतेंद्र मलिक का कहना है कि “उसके साथ दो महीने पहले भी इसी तरह से गलत फैसला दिया जा चुका है, हालांकि उसने तब भी आपत्ति जताई थी, लेकिन ज्यादा विरोध नहीं किया था. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुई ट्रायल के दौरान ज्यूरी ने उसके पक्ष में फैसला दिया था, हालांकि बाद में कोच सत्यदेव मलिक ने यह कहकर फैसला देने से मना कर दिया कि वह मेरे गांव का है. अगर उनको ऐसा ही करना था तो कुश्ती से पहले ही हट जाते, बीच में हटने का क्या मतलब?”

पहलवान ने आगे कहा, ”इसके बाद जगबीर दहिया को लाया जाता है और उसने आते ही मेरे खिलाफ फैसला सुना दिया. किसी खिलाड़ी के लिए इससे बड़ा दुख कोई नहीं हो सकता कि उसकी 20 साल की मेहनत को एक पल में मिट्टी में मिला दिया जाता है. कोच जगबीर पहले भी कई विवादों में फंस चुके हैं, मार-पिटाई, धोखाधड़ी, पैसे लेकर सलेक्शन कराने समेत कई मामलों में नामजद रहे हैं और जेल तक जा चुके हैं. ऐसे लोग अगर खिलाड़ियों का भविष्य तय करेंगे तो समझ सकते हैं कि कितना बड़ा अन्याय कर रहे होंगे.”

कोच को थप्पड़ मारने के कारण लगा है आजीवन बैन

पहलवान सतेंद्र मलिक ने कहा कि इसलिए मेरी फेडरेशन से अपील है कि इस पूरे मामले की सही ढंग से जांच करा कर मुझे न्याय दिलाया जाए. उन्होंने कहा कि जहां तक थप्पड़ की बात है, मैंने सिर्फ कोच जगबीर को उनके फैसले के बारे में ऐतराज जताया था, जिस पर उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा और इसके बाद मेरा भी हाथ उठ गया. इस घटना के बाद भारतीय कुश्ती संघ ने पहलवान सतेंद्र मलिक पर आजीवन बैन लगा दिया गया था, जिसके बाद से यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है.

बता दें कि पहलवान सतेंद्र मलिक के पक्ष में पंचायतें भी हो चुकी हैं और केंद्रीय स्तर के कई नेताओं ने भी इस मामले की फेडरेशन से जांच कराने की अपील की है.

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