सुरेश गोयल धूप वाला

पिछले कुछ समय से जीएसटी के रेट बढ़ाये जाने की सूचनाएं आ रही थी। ये संकेत व्यापार जगत में चिंता का माहौल उत्पन्न कर रहे थे ।अब वित्त मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से समाचार पत्रों के माध्यम से सूचनाएं मिल रही है कि घरेलु व वैश्विक महंगाई को देखते हुए फिलहाल जीएसटी के रेट नही बढ़ाए जाएंगे।यद्धपि जीएसटी कौंसिल की औऱ से अभी किसी प्रकार की कोई भी अधिकृत सूचना जारी नही हुई है ।फिर भी व्यापारी वर्ग में यह बहुत ही शुभ और शगुन भरा फैसला सरकार की ओर से होगा ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए।

जिस प्रकार विश्वव्यापी महंगाई के साथ ही भारत मे भी महंगाई बढ़ी है वस्तुओं के मूल्यों के साथ ही जीएसटी की भी अधिक वसूली होना स्वभाविक है।सरकार के राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2021-22 में काफी अधिक राजस्व जीएसटी के रूप में सरकार को प्राप्त हुआ है। ऐसे में किसी भी सूरत में जीएसटी के रेटो का बढ़ाया जाना तर्क संगत नही है।

संभव है सरकार किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नही करेगी । सरकार का यह फैसला सराहनीय व स्वागत योग्य ही कहा जायेगा।

अर्थ शास्त्रियों व व्यापार विशेषज्ञों का मानना रहा है कि जीएसटी के रेट हो या आयकर के रेट जितने अधिक कम होंगे सरकार को उतना अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी ।

एक जुलाई 2017 से लागू गुड्स व सर्विस टैक्स एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे देश के अर्थ शास्त्रियों व व्यापार जगत में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार माना गया है। व्यापारी वर्ग ने दिल खोलकर इस प्रणाली का स्वागत किया था । जी एस टी कौंसिल की समय समय पर होने वाली बैठकों में भी सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम लगातार उठाये जाते रहे हैं , परन्तु इसका औऱ अधिक सरलीकरण करने व रेटो का स्लेब कम से कम किये जाने की आवश्यकता है। व्यापारियों को इससे जहां राहत मिलेगी वहीं सरकार को अधिक राजस्व की भी प्राप्ति होगी।

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