भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। भाजपा ने 5 तारीख से मोदी सरकार की नीतियों को घर-घर पहुंचान के लिए 21 दिन के महासंपर्क अभियान की शुरूआत की थी। वह महासंपर्क अभियान 5 से 25 मई तक था। आज 26 मई को इनका कहना था कि 19786 बूथों पर भाजपा कार्यकर्ता 100-100 परिवारों से संपर्क करेंगे और एक दिन में ही 19 लाख से अधिक परिवारों से संपर्क कर लेंगे। आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की ओर से विज्ञप्ति आई, जिसमें उन्होंने अपने अभियान को अपार सफल बताया और कहा कि मोदी जी के सुशासन और गरीब कल्याण की नीतियों से भारत की छवि विश्व में निखरी है। साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ ने आज इतिहास रच दिया है और एक दिन में 19 लाख परिवारों से संपर्क किया है। प्रश्न यह है कि उनकी इस बात में कितनी सच्चाई है? सच्चाई की बात करें तो 5 तारीख से 25 तारीख तक भी जो देखा गया कि भाजपा के कुछ नेता अवश्य भाजपा के कार्यकर्ताओं के घर गए और जिन कार्यकर्ताओं के घर गए, वे बड़े प्रसन्न भी हुए कि बड़े नेता उनके घर आए हैं। भाजपा नेताओं का इस समय में यही कार्य रहा कि किसी के घर जाओ और उनकी फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर कर दो, जिससे सनद रहे कि वह भाजपा के कर्मठ, अनुशासनप्रिय कार्यकर्ता हैं, जबकि आम व्यक्ति तक कहीं पहुंच भाजपा कार्यकर्ताओं की दिखाई नहीं दी। आज संपूर्ण हरियाणा की बात तो बाद में करेंगे, पहले गुरुग्राम की बात करें तो यहां मुख्यमंत्री की जो 30 तारीख को रैली है वह भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के कार्य का क्षेत्र रहा। गुरूकमल में आज सारा दिन नेताओं की मीटिंगें चलती रहीं। हमने कई क्षेत्रों में जानकारी हासिल की तो कहीं किसी बूथ पर कोई ऐसा कार्यक्रम दिखाई नहीं दिया। सभी कार्यकर्ता केवल और केवल मुख्यमंत्री की रैली की तैयारियों में ही लगे हुए हैं। उपरोक्त बातें अधिकांश कार्यकर्ताओं के लिए कही गई हैं लेकिन कुछ विशेष पदाधिकारी, प्रदेश के नेता, जिला अध्यक्ष या फिर प्रकोष्ठों के अध्यक्ष आदि ने अवश्य भाजपा के वर्करों से भी मिलकर आज के कार्यक्रम की सफलता की ओर कदम बढ़ाए लेकिन इनकी गिनती ऐसी नहीं थी, जो उल्लेखनीय हो। विशेष उल्लेखनीय है कि ओमप्रकाश धनखड़ स्वयं भी आज बादशाहपुर विधानसभा के गांव चंदू में कुछ लोगों के घरों में गए और उनके साथ चित्र भी खिंचवाए। उनके साथ भाजपा की जिला अध्यक्ष व उनके चहेते नेता भी थे। यूं तो जिस दिन यह कार्यक्रम घोषित किया, उसी दिन से मन में विचार आ रहा है कि पिछले आठ साल से भाजपा के कार्यकर्ता, भाजपा के नेता, हरियाणा की सरकार, हरियाणा का प्रशासन सभी मिलकर मोदी जी की नीतियों को जनता में पहुंचाने का कार्य ही तो कर रहे हैं तो क्या यह कार्यक्रम यह बताने के लिए था कि अब तक सरकार, प्रशासन, नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री अपने कार्यों में सफल नहीं हैं? इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने यह विशेष अभियान चलाया, सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने का। अब बड़ा प्रश्न यह खड़ा होता है कि क्या प्रदेश अध्यक्ष को जमीनी सच्चाई की जानकारी नहीं है? या जानकारी होते हुए वह अपनी छवि बनाने के लिए इस प्रकार के ब्यान दे रहे हैं? संगठन के लिए दोनों ही स्थितियां लाभकारी नहीं कही जा सकती, क्योंकि यदि प्रदेश अध्यक्ष को अपने कार्यकर्ताओं के कार्यों की वस्तुस्थिति का ज्ञान नहीं है तो यह उनकी कार्यशैली की कमी मानी जाएगी। और यदि उन्हें यह ज्ञान है और फिर भी यह ब्यान दे रहे हैं तो पता नहीं वह कार्यकर्ताओं को भ्रमित कर रहे हैं, आमजन को भ्रमित कर रहे हैं, अपनी सरकार और अपने नेताओं को भ्रमित कर रहे हैं। या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भ्रमित कर रहे हैं। और उससे भी अधिक स्वयं आत्ममुग्ध हो रहे हैं। भाजपा पार्टी का कार्यकर्ता तो पार्टी से बंधा ही हुआ है। वह पार्टी के आदेश को सिर झुकाकर मानता है और कार्य करने का प्रयास भी करता है। अधिकांश कार्यकर्ताओं की इतनी हिम्मत ही नहीं है कि वे अध्यक्ष के आदेश या निर्देश पर कोई टिप्पणी कर सकें। और ऐसे में कुछ नेता यदि अपने कार्यकर्ताओं से मिल आए तो उससे पार्टी के जनाधार में वृद्धि कहां से हो गई? और उससे बड़ी बात कि भाजपा की लाभकारी योजनाओं की जानकारी यदि उनके कार्यकर्ताओं को ही नहीं है तो उन योजनाओं की सार्थकता और सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न लगना स्वाभाविक ही है। अंत में यही कहना चाहेंगे कि इस प्रकार भाजपा के नेता स्वयं में आत्ममुग्ध होकर जनता में जनाधार तो बढ़ा नहीं पाएंगे और चुनाव में जनाधार की ही आवश्यकता पड़ती है। अभी वर्तमान में सिर पर निकाय चुनाव हैं। वह इस कार्यक्रम की सार्थकता को बता पाएंगे? जिस प्रकार से प्रदेश अध्यक्ष के ब्यान आ रहे हैं, उनसे तो लगता है कि निकाय चुनाव में इन्हें बड़ी सफलता मिलने वाली है। अब निकाय चुनाव के परिणाम स्वयं यह तय कर देंगे कि भाजपा संगठन की कार्यशैली सरकार की जनता के लिए लाभकारी योजनाएं, जनता को कितनी पसंद आ रही हैं। 19 जून को मतदान होना है। मतदान के बाद दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा। Post navigation ट्रेफिक पुलिसकर्मी से एक लाख रुपये लेते ब्लैक मेलर रंगेहाथ गिरफ्तार सीएम रैली की तैयारियों को लेकर बैठक