जो युवा नशा नहीं करते , उन्हीं को रोकना और हिम्मत से न कहना सिखाने निकला हूं : कौशल किशोर -कमलेश भारतीय जो युवा नशा नहीं करते , उन्हीं को रोकने निकला हूं और उन्हें यह सीखाने- समझाने आया हूं कि अपने उन दोस्तों को ‘न’ कहने की हिम्मत पैदा करो जो आपको नशे के नर्क में ले जाने की कोशिश करने आए हों । यह संदेश है आवास व शहरी विकास राज्यमंत्री कौशल किशोर का । वे इस अभियान पर सन् 2020 से निकले हुए हैं और इन दिनों हरियाणा के विश्वविद्यालयों में युवाओं को संकल्प दिलाने आए हुए हैं । गुजवि में कार्यक्रम के बाद बातचीत करते हुए कौशल किशोर ने यह बात कही । -आपने यह अभियान कब और क्यों शुरू किया ? -सन् 2020 में मेरा अपना अट्ठाइस साल का बेटा आकाश कौशल इसी नशे की गिरफ्त में आने से दुनिया से चला गया । मैंने पता लगने पर पूरे चार साल अनेक अस्पतालों में उसके इलाज पर कम से कम पंद्रह लाख रुपये खर्च कर दिये । बेटे के निधन के बाद सोचा कि मैं इतने लाख रुपये खर्च करने पर भी बेटे को बचा न सका तो गरीब परिवारों के जो नौजवान नशे के शिकार हैं , उनका क्या होगा ? बस । जीवन का एक मिशन बना लिया नशा मुक्ति अभियान कौशल का । -पहला कार्यक्रम कहां किया ? -तीन दिसम्बर , 2020 को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आए और श्रीगणेश हो गया , शंखनाद हो गया देश से नशे को भगाने का । -आप मूल रूप से कहां के रहने वाले हैं ?-काकोरी के पास बनेरिया का खेड़ा का निवासी । -शिक्षा कितनी हुई ?-बीएससी तृतीय वर्ष लेकिन अंतिम वर्ष में पढ़ाई छूट गयी । -आपके पिता क्या काम करते थे ?-फेरी लगाकर उन्होंने हमें पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया । -राजनीति में कैसे आ गये ?-राजनीति में मेरे गाँव के लोग कम्युनिस्ट विचारधारा के थे और हम भी उनके साथ नारे लगाने लगे । कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ गये । -पहला चुनाव कब लड़ा?-मैं लगातार छह चुनाव हारने वाला व्यक्ति हूं । सन् 1984, 85 , 89 , 93 , 96 और 98 तक हारता चला गया । कम्युनिस्ट पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ता रहा । -पहली बार विधायक कब बने ?-सन् 2002 में जब मायावती व भाजपा गठबंधन सरकार बनी थी । मैं निर्दलीय चुनाव लड़ कर जीत गया । -भाजपा में कब ?-सन् 2014 में भाजपा की टिकट पर पहली बार सांसद बना । फिर सन् 2019 में भी सांसद बना । सन् 2021 में बना दिया आखिरकार आवास व शहरी मंत्रालय में राज्यमंत्री । -एक कामरेड का भाजपा में जाने का हृदय परिवर्तन कैसे ?-देखिए भाजपा ने कम्युनिस्ट पार्टी के सारे गुण ग्रहण कर लिये और वैसी ही कल्याणकारी योजनाओं को अंजाम दे रही है । मेरी पत्नी जयादेवी कौशल भी विधायक हैं और हम दोनों अपने बेटे के निधन के बाद एकसाथ नशामुक्ति अभियान चला रहे हैं । -भविष्य की क्या योजनाएं हैं ?-अभी मई को तम्बाकू विरोधी दिवस पर हम फेसबुक पर ऑनलाइन एक नया कीर्तिमान बनायेंगे जब नशे के खिलाफ साहित्य संगम संस्थान की ओर से नशे के विरूद्ध कवि गीत गायेंगे । युवा अपनी शक्ति को नकारात्मक दिशा में नहीं बल्कि देश के लिए योगदान के लिए लगायें । -अभी तक संदेश कितने लोगों तक पहुंचा सके ?-मेरा संकल्प इस अमृत महोत्सव वर्ष में पचहत्तर लाख लोगों तक पहुंचे का है । -कैसे पहुंचाएंगे ?-नौ अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नशे के विरूद्ध अभियान चलाने वाले एम्बेसेडर बनाये जायेंगे जिनके माध्यम से पचहत्तर लाख लोगों को इस अभियान से जोड़ने का संकल्प पूरा किया जायेगा ।हमारी शुभकामनाएं कौशल किशोर को । Post navigation जनता की आँखों में धूल झोंकने की नाकाम कोशिश कर रही है सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा जीवाणु प्रतिरोधकता 21वीं सदी में कृषि उत्पादन के लिए चुनौती: कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज