सीएम श्री मनोहर लाल ने की बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के हिस्से में आखिरी डेढ किलोमीटर दूरी में अंडर ग्राउंड लाईन बिछाने का किया जाएगा अध्ययन, 15 दिन में प्रस्तुत की जाएगी रिपोर्ट गुरुग्राम 18 मई। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज गुरूग्राम के पालम विहार से लेकर दिल्ली के द्वारका सेक्टर-21 तक की मेट्रो कनेक्टिविटी परियोजना पर चर्चा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने दिल्ली के हिस्से में पड़ने वाली आखिरी डेढ किलामीटर दूरी की मैट्रो लाईन को अंडर ग्राउंड करने के बारे में अध्ययन करने के निर्देश दिए और कहा कि अध्ययन करके 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उसके बाद फाईनल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होगी। बैठक में बताया गया कि गुरूग्राम में मैट्रो नेटवर्क में 37 किलोमीटर लंबाई की लाईन जोड़ते हुए इसका विस्तार करने की योजना है। इसमें से हुडा सिटी सैंटर मैट्रो स्टेशन से ओल्ड गुरूग्राम होते हुए साईबर सिटी तक लगभग 28.5 किलोमीटर लंबाई की मैट्रो लाईन बिछाने की परियोजना भारत सरकार के विचाराधीन है, जोकि स्वीकृति के अंतिम चरण में है। इसके अलावा, पालम विहार से दिल्ली के सेक्टर-21 तक लगभग 8.4 किलोमीटर लंबाई की लाईन बिछाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है जिस पर आज चर्चा की गई है। यह नई प्रस्तावित लाईन मंजूर होने के बाद गुरूग्राम का काफी हिस्सा मैट्रो कनेक्टिविटी से कवर हो जाएगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पालम विहार से सेक्टर-21 द्वारका तक प्रस्तावित मैट्रो लाईन बिछने से पश्चिमी दिल्ली और गुरूग्राम वासियों को काफी लाभ होगा। इस रूट पर यात्रियों की संख्या काफी रहने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। यह प्रस्तावित नया मैट्रो रूट डीएमआरसी की ब्लू लाईन से जुडे़गा। इस पर कुल 7 स्टेशन होंगे। इनमें गुरुग्राम जिला की सीमा में 4 स्टेशन तथा दिल्ली क्षे़त्र में 3 स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं। इनमें दो इंटरचेंज स्टेशन -पालम विहार स्टेशन तथा द्वारका सेक्टर-21 स्टेशन होंगे। परियोजना को लेकर राइट्स के अधिकारियों द्वारा परियोजना संबंधी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दी गई। इस परियोजना को हरियाणा मांस रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एच एम आर टी सी ) द्वारा लागू किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि नवंबर 2019 में पहली बार इस मेट्रो लिंक का प्रस्ताव तैयार किया गया था। अपै्रल 2020 में हरियाणा मांस रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन(एच एम आर टी सी )द्वारा तकनीकी फिजिबिलिटी का अध्ययन करने के लिए दी गई। इसकी ड्राफट डीपीआर 8 मई 2020 को तैयार की गई और फाईनल डीपीआर इस वर्ष 11 अप्रैल को सौंपी गई, जिस पर आज विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि यह प्रस्तावित मेट्रो मार्ग 8.4 किलोमीटर लंबा होगा जिसमें से 4 किलोमीटर भाग-पालम विहार से सेक्टर-111 तक का गुरुग्राम जिला की सीमा में पड़ेगा जबकि सैक्टर-111 से लेकर दिल्ली के द्वारका सेक्टर-21 तक का 4.4 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली सीमा में होगा। इस प्रस्तावित मेट्रो कोरिडोर में सात स्टेशन होंगे ,जिनमें से चार स्टेशन गुरुग्राम जिला की सीमा में तथा तीन स्टेशन दिल्ली क्षेत्र में बनाए जाएंगे। गुरुग्राम जिला में ये स्टेशन -रेजांगला चौक, चोमा, सेक्टर 110ं तथा सेक्टर 111 में बनाए जाने र्प्रस्तावित हैं जबकि दिल्ली क्षेत्र में ये स्टेशन- द्वारका सेक्टर-28, द्वारका सेक्टर -25 में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) और द्वारका सेक्टर -21 में बनाए जाएंगे । इस रूट में दो इंटरचेंज स्टेशन होंगे । पालम विहार का प्रस्तावित गुड़गांव मेट्रो कॉरिडोर (हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी ) के साथ इंटरचेंज होगा। द्वारका सेक्टर -21, जो कि मौजूदा डीएमआरसी स्टेशन से अलग होगा, का ब्लू लाइन के साथ साथ एयरपोर्ट एक्सप्रेस कोरिडोर के साथ इंटरचेंज होगा। इस परियोजना के निर्माण पर लगभग 2281 करोड रुपए की राशि खर्च होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अलावा मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, प्रधान सचिव वी उमाशंकर, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार, जीएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी, डीटीसीपी के एम पांडुरंग, मुख्यमंत्री के पब्लिक सेफटी एडवाइजर अनिल राव, पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की प्रशासक जसप्रीत कौर, संपदा अधिकारी संजीव सिंगला व विकास ढांडा उपस्थित रहे। इस बैठक से चण्डीगढ़ से मुख्य सचिव संजीव कौशल, टाउन कंट्री प्लानिंग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, आबकारी एवं कराधान विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी, शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव अरूण गुप्ता ऑनलाईन जुड़े। Post navigation गुरूग्राम में ग्लोबल सिटी विकसित करने के लिए तीसरी राउंड टेबल कोनफ़्रेंस आयोजित गुरुग्राम निगम बना भ्रष्टचार के काल- मनोहर लाल की नाक का सवाल