सरकार ने अतिपिछडो के साथ किया कुठाराघात : वर्मा

हिसार 18 मई – भाजपा नेता व स्वाभिमान की आवाज़ सगंठन के अध्यक्ष ने प्रैस मे जारी ब्यान में मात्र शफुगा बताया। सरकार बार बार इसबात का ढिढोरा पिटती रही कि वो स्थानिय निकाय व पचं सरपचों को जो अति पिछडावर्ग को 8% भागीदारी देगी। जिस की पोल आज पाट गई है।

वर्मा ने कहा कि आज हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर चुनाव कराने की अनुमति दी। जिस कारण पिछडावर्ग को आरक्षण दिए बिना होगे निकाय चुनाव।

वर्मा ने कहा कि कोर्ट आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट जरुरी कर दिया है। 1. पिछडावर्ग आयोग का गठन। जो आरक्षण पर सुझाव व आपतियां मागेगा। इसके बाद डाटा तैयार कर विश्लेषण किया जाऐगा। फिर आयोग ही सरकार को सिफारिश करेगा।

वर्मा ने कहा कि इस मामले मे सरकार ने ऐसा कुछ नही किया। वो तो सिर्फ अति पिछड़ों को मिठ्ठी गोली देती रही। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक सरकार के ऐसा ना करने पर पिछडावर्ग को आरक्षण का लाभ ना देकर चुनाव करवाया जाऐ।

वर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने नगरपालिका चुनाव (संशोधन) नियम 2020 के नियम 70 ए के तहत निकायो मे प्रधान पद पिछडावर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। याची ने जो बात कही कि सरकार के पास पुख्ता आकडे नही है कि पिछडावर्ग की जनसख्यां कितनी है। सरकार ने बिना आधार के आरक्षण दिया है। इसलिए इसे रद्द किया जाये। याचिका मे कहा गया कि सरकार नये नियमो से चुनाव करवाना चहाती है जब कि मामला हाईकोर्ट मे विचाराधीन है। इसलिए रोक लगाई जाए।

वर्मा ने कहा अब जब हाईकोर्ट ने कहा कि जनगणना होनी चाहिये तब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जनगणना करवाऐगे। जब पुरा पिछडावर्ग ये बात पत्राचार के माध्यम से स्वयं मिलकर मुख्यमंत्री ओर उनके मन्त्रीयो को जनगणना के ज्ञापन दे रहे थे तब किसी की कान मे जू तक नही रेगीं। अगर तब ये हम लोगो की बात मान लेते तो आज पिछडावर्ग के साथ ये कुठाराघात नही होता। इस मे सिधी सिधी सरकार के योजनाकारों की कमी है। पिछडावर्ग इसे किसी हद तक सहन नही करेगा।

मुख्यमंत्री जी कभी क्रीमीलेयर मामले मे, कभी 27% प्रथम व द्वितिय मामले मे ओर आज ये 8% मामले मे हमेशा पिछडावर्ग को दबाया गया है। इस कारण पिछडावर्ग मे बहुत रोष है। आप इस ओर ध्यान दे।

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