गांव जट शाहपुर आश्रम परिसर में पहुंचे अनेक श्रद्धालु और ग्रामींण.
स्वामी प्रेमानंद महाराज ने एमएलए शिक्षण संस्थान की स्थापना की.
स्वामी प्रेमानंद महाराज के द्वारा फरुखनगर गौशाला भी आरंभ की गई

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
शिक्षा, स्वास्थ्य और गौ संरक्षण सहित संवर्धन की आज से एक सौ से अधिक वर्ष पहले नींव रखने वाले पटौदी क्षेत्र के सबसे पुराने शिक्षण संस्थान एम एल ए सीनियर सेकेंडरी स्कूल, औषधालय एवं फरुखनगर गौशाला आरंभ करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की स्मृति में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया । यह आयोजन पटौदी क्षेत्र के ही गांव जाट शाहपुर में ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज के द्वारा स्थापित आश्रम परिसर में किया गया ।

इस मौके पर इस धार्मिक अनुष्ठान के मुख्य आयोजक हेलीमंडी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन नरेश अग्रवाल, हेली मंडी पालिका के पार्षद मदन लाल अग्रवाल, पूर्व पार्षद नरेश कुमार पिंटू और सतीश अग्रवाल शादी राम मुख्य रूप से मौजूद रहे । जट शाहपुर गांव के आश्रम परिसर में प्रातः काल ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के चित्र पर मेजबान गांव सहित आसपास के करीब दर्जन भर गांवों से पहुंचे श्रद्धालुओं और ग्रामीणों के द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धा से नमन कर उनका आशीर्वाद लिया गया । गांव जट शाहपुर आश्रम परिसर में सुबह के समय ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज के द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य और गौ सेवा के कार्यों को यथावत जारी रखने का संकल्प लेकर इस मौके पर मौजूद अनेक पुरुष महिलाओं युवाओं और छात्र वर्ग के द्वारा अपनी आहुतियां हवन यज्ञ में अर्पित की गई ।

इस मौके पर पटौदी नगर पालिका के चेयरमैन चंद्रभान सहगल , पूर्व वाइस चेयरमैन राधेश्याम मक्कड,़ हेली मंडी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शिवकुमार शेष गुप्ता, समाजसेवी कमल गोयल, पूर्व एमएलए रामवीर सिंह , हेली मंडी नगर पालिका के चेयरमैन सुरेश यादव और वाइस चेयरमैन विक्रांत चौहान के अलावा एमएलए सीनियर सेकेंडरी स्कूल एवं कॉलेज के समस्त अध्यापक वर्ग विशेष रूप से मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्य यजमान एवं आयोजक हेली मंडी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन नरेश अग्रवाल ने कहा कि स्वामी जी ने पटौदी क्षेत्र में आज से एक से अधिक वर्ष से भी पहले शिक्षा और स्वास्थ्य को ही प्राथमिकता देते हुए शिक्षण संस्थान सहित औषधालय आरंभ किया।  इतना ही नहीं स्वामी प्रेमानंद महाराज के द्वारा आज के समय में सबसे बड़ी माने जाने वाली फरुखनगर की गौशाला भी उनके द्वारा ही आरंभ की गई । उन्होंने कहा इस प्रकार के तपस्वी और दूरदर्शी साधु-संतों तपस्वी के द्वारा दिखाए गए समाज कल्याण के कार्याे में हम सभी को अपना बढ़-चढ़कर के यथा सामर्थ सहयोग देना चाहिए। शिक्षा स्वास्थ्य और गौ सेवा अनादि काल से श्रेष्ठ सेवा और पुण्य का कार्य माना गया है । इसी मौके पर जट शाहपुर आश्रम परिसर में श्रद्धालुओं के लिए भंडारा का प्रसाद भी वितरित किया गया।

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