निजी स्कूल कोई भी जानकारी देने से नहीं कर सकते हैं मना: कैलाश चंद

गुड़गांव, 8 मई, (अशोक): हरियाणा प्रदेश के सभी निजी स्कूलों पर अब जन सूचना अधिकार कानून लागू होगा। शिक्षा अधिनियम 134ए के तहत निर्धन वर्ग के छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के मिशन में जुटे वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश चंद का कहना है कि पहले कोई भी आमजन निजी स्कूलों पर आरटीआई एक्ट के तहत कोई सूचना मांगते थे तो निजी स्कूल यह जवाब देते थे कि वे आरटीआई एक्ट के अधीन नहीं है। इसलिए सूचना देने से मना कर देते थे। उनका कहना है कि यह मामला राज्य जन सूचना आयुक्त के समक्ष उठाया गया तो आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के सभी निजी स्कूल जन सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना देने के लिए बाध्य हैं और ऐसा ही एक मामला वर्ष 2019 में पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय पहुंचा था जिस पर न्यायालय ने आदेश दिया था कि प्रदेश की सभी सोसाइटी जन सूचना अधिकार के दायरे में आती हैं और सभी निजी स्कूल सोसाइटियों के अधीन चल रहे हैं और उसी आधार पर निजी स्कूल भी जन सूचना अधिकार के तहत सूचना देने के लिए बाध्य हैं।निजी स्कूलों ने उच्च न्यायालय के इस आदेश को चुनौती दी थी।

उनका कहना है कि जिस पर लगभग 6 माह पहले उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देशित किया था कि ऐसे मामलों में निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई न की जाए। इस मामले में गत दिवस उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। अधिवक्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों की याचिका को डिस्पोज ऑफ कर दिया जिस पर निजी स्कूलों ने अपनी याचिका वापस ले ली और उसी आधार पर अब निजी स्कूल आरटीआई के दायरे में शामिल हो गए हैं। अब कोई भी व्यक्ति किसी भी निजी स्कूल से संबंधित सूचना आरटीआई एक्ट-2005 के तहत ले सकता है। निजी स्कूल सूचना देने से मना नहीं कर सकते। 

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