सीएमआईई द्वारा जारी आँकड़ों ने गठबंधन सरकार की खोली पोल, बेरोजगारी में पुरे देश में हरियाणा पहले नम्बर पर

पटौदी, 3/5/2022 :- सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट ने प्रदेश की गठबंधन सरकार के सारे हवा हवाई दावों की पोल खोल दी, खट्टर सरकार की इसी विफलता पर कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि सीएमआईई द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार आज प्रदेश में अप्रैल में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.83 प्रतिशत पर पहुंच गई है, ये हैं खट्टर का खटारा विकास।

उन्होनें प्रेस के नाम जारी पत्र में कहा कि जहां शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.22 प्रतिशत पर पहुंच गई वहीं ग्रामीण बेरोजगारी की दर 7.18 प्रतिशत पर है। इस रिपोर्ट के अनुसार यह बेरोजगारी दर हरियाणा में सर्वाधिक 34.5 प्रतिशत पर है।

वर्मा ने कहा की ये जुमलेबाज बीजेपी सरकार नौकरियां पैदा करने में नाकाम रही है, वहीं नौकरियों में सुरक्षा नहीं होने के कारण लोग लगातार लेबर मार्केट से भी निकल रहे हैं। उन्होनें कहा कि आज सरकार की विफलता ने ये एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है कि लोगों ने नौकरी की तलाश ही छोड़ दी।

सुनीता वर्मा ने अपनी प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि फौज में 122555 पद खाली होने के बावजूद मार्च 2020 से सेना की भर्ती बन्द है, जबकी कांग्रेस राज में केवल सेना में ही 1 लाख 20 हजार भर्तियां हर साल होती थी। उन्होनें कहा कि आज हर साल 4.5 लाख युवा सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं किन्तु 3 साल से भर्तियां न होने से 2.30 लाख युवा ओवरएज हो गए, नतीजतन आज प्रदेश बेरोजगारी में पहले नम्बर पर है। पिछ्ले दिनों 41 हजार पदों की भर्तियां रद्द हुई तो 12 लाख आवेदकों के सपने टूटे।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि इस असंवेदनशील सरकार की असफल नीतियों की वजह से आज प्रदेश का युवा मानसिक तनाव व हताशा में अपनी जान देने को मजबुर है और ये नाकारा सरकार मूकदर्शक बन हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होनें कहा कि या तो भर्तियां हो ही नही रही अगर कुछेक भर्तियां होती भी हैं तो वो सरकार की नाकामियों के कारण पेपर लिक होनें से या किन्ही अन्य कारणों से रद्द कर दी जाती हैं।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा की रिकॉर्ड तोड़ बढती महंगाई बेरोजगार युवकों पर कहर बन कर टूट रही है, प्राईवेट कम्पनियों ने भी सरकार की उदासीनता व उसकी असफल आर्थिक नीतियों की वजह से कर्मचारियों को छंटनी करके युवाओं को घर बैठा दिया है या फिर वो कम्पनियां ही बन्द हो जाने से लाखों युवा बेरोजगार हो गए हैं, नतीजा आत्महत्याओं के मामले बढ रहे हैं किन्तु सरकार बेपरवाह बनी हुई है। आज वैश्विक महामारी कोरोना के तमाम प्रतिबंध हटाए जाने के बावजूद भी लोगों को आजीविका के लिए कोई रोजगार व काम-धंधा नही मिल रहा।

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