देश है तो सबकुछ है अन्यथा कुछ नहीं, जिंदादिल समाज वही जो रखे शहीदों को याद: मुख्यमंत्री मनोहर लाल

चंडीगढ़ – 1 मई को सोनीपत में बहालगढ़ रोड स्थित शहीद मदनलाल ढींगरा सामुदायिक केंद्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहीद मदनलाल ढींगरा की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि यह गौरव का अवसर है। क्रांतिकारी युवक के रूप में मदनलाल ढींगरा ने इतिहास रचा जो आज के युवाओं के लिए अनुकरणीय है। शहीद मदनलाल ने संदेश दिया कि देश है तो सबकुछ है अन्यथा कुछ नहीं।         

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शहीद मदनलाल ढींगरा की प्रतिमा के दर्शन करने वालों के दिलों में उन्हें जानने का भाव जागृत होगा, जिससे उनकी अमरता की कहानी सबके मानस पर छायेगी। उन्होंने कहा कि जिंदादिल समाज वही है जो अपने शहीदों को न भूलें। हमें शहीदों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र की मजबूती में सहयोग देना चाहिए। मरने की बातों का जमाना नहीं रहा, अब तो देश के लिए जीना सीखना चाहिए। देश है तो सबकुछ है अन्यथा कुछ नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रप्रेम की जागृति व वीर शहीदों के सम्मान के लिए कई घोषणाएं की हैं। अब नेता जी सुभाषंद्र बोस की जयंती को परामक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गुरू पुत्रों की शहादत को भी पूर्ण सम्मान मिला है। गुरू गोबिंद सिंह के पुत्रों के शहीदी दिवस को बाल वीर दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाएगा।    

 मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी को सुरक्षित रखना है। रक्षा क्षेत्र के तहत सेनाओं में हरियाणा की विशेष हिस्सेदारी है। देश प्रेम की यह भावना बनाये और जगाये रखनी है। उन्होंने शहीद मदनलाल ढींगरा की शहादत को नमन करते हुए कहा कि करीब सौ वर्ष पूर्व क्रांतिकारी युवक मदनलाल ने देश की खातिर अपना जीवन कुर्बान कर दिया। देश गुलाम था और आजादी पाने के लिए उन्होंने लौ जलाने की दिशा में विशेष भूमिका अदा की। लाला लाजपत राय का भाषण सुनकर 22 वर्षीय युवक मदनलाल का खून खौल उठा। मुगलों की गुलामी के बाद दूसरी गुलामी शुरू हो गई थी, जिससे स्वतंत्र होने के लिए वे सर्वस्व बलिदान को तैयार थे।        

 साथ ही उन्होंने कहा कि आज गौरव का अवसर है कि शहीद मदनलाल ढींगरा की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिन्होंने इडिया हाउस लंदन में कर्नल वायली को गोली मारकर देश की आजादी की लड़ाई में खुद का बलिदान दिया। उनसे अंग्रेज इतने डर गए कि केवल 46 दिनों के भीतर ही मुकद्दमा चलाकर फांसी की सजा सुनाते हुए उन्हें फांसी दे दी। मदनलाल हंसते हुए फांसी के फंदे पर चढ़ गए और कह गए कि नाम उन्हीं का देश अमर होता है जो देश के लिए जीते और मरते हैं। भारतमाता की गुलामी की जंजीरों को तोडऩे के लिए उन्हें 100 बार भी फांसी पर चढऩा होगा तो वे तैयार रहेंगे।        

 उन्होंने बताया कि नगर निगम ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक रुपये गज के हिसाब से जमीन दी है और भवन निर्माण में भी निगम ने करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किये हैं। वे भी सहयोग के रूप में 21 लाख रुपये की राशि भेंट कर चुके हैं और सांसद रमेश कौशिक ने 21 लाख रुपये की राशि प्रदान की है। इस प्रकार सरकार की ओर से 1 करोड़ 92 लाख रुपये का सहयोग दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सरकार ने सामाजिक कार्यों में विचारों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है, ताकि लोग समाज सेवा के लिए आगे आयें। समाज जितनी राशि एकत्रित करेगा, उतना ही सरकार देगी। इस नाते जितना योगदान सरकार कर चुकी है उतना समाज द्वारा करने पर सरकार पुन: सहायता प्रदान करेगी।       

  इस मौके पर सांसद रमेश कौशिक ने शहीद मदनलाल ढींगरा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने काम के लिए जाने जाते हैं, जो सबको साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने तालाबों के कायाकल्प की शुरुआत करने के लिए भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने प्रतिमा अनावरण की भी बधाई दी। 

इस मौके पर विधायक मोहनलाल बड़ौली, विधायक निर्मल चौधरी, पूर्व मंत्री कविता जैन, उपायुक्त ललित सिवाच व पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग आदि गणमान्य व्यक्ति तथा अधिकारीगण मौजूद थे।

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