चंडीगढ़ – 1 मई को हरियाणा के बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह ने कांग्रेस के प्रवक्ता श्री रणदीप सूरजेवाला द्वारा हरियाणा की बिजली को गुजरात भेजने के आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए इसे गुमराह करने वाला व प्रदेश की जनता को बरगलाने वाला बताया है।        

 यहां जारी बयान में बिजली मंत्री ने कहा कि अपनी पार्टी की अंदरूनी कलह को छिपाने के लिए रणदीप सूरजेवाला ने मीडिया में हरियाणा सरकार क खिलाफ जो अनर्गल बयानबाजी की है, उसमें वे खुद ही फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि सूरजेवाला की याद्दाश्त काफी कमजोर हो गई लगती है, क्योंकि वर्ष 2013 में अडानी की याचिका पर ‘सैंट्रल इलैक्ट्रिसिटी रेगूलेटरी कमीशन’ के आदेशों के तहत ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट’ 500 के.वी लाइन को डेडिकेटिड टांसमिशन लाइन से ‘इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम’ में परिवर्तित कर दिया था, इसके बाद इसी आदेश को 14 मई 2014 को जब रणदीप सूरजेवाला कांग्रेस सरकार के दौरान स्वयं कैबिनेट का हिस्सा थे तो उस वक्त कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी।         

श्री रणजीत सिंह ने आगे बताया कि कांग्रेस शासनकाल में ही ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट लाइन’ तत्पश्चात ‘इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम नेटवर्क’ का हिस्सा बन गई थी और इसके ऊपर सारा नियंत्रण ‘रिजनल ग्रिड स्टेबिलिटी’ के आधार पर ‘नेशनल लोड डिस्पेच सैंटर’ का हो गया था। ‘नेशनल लोड डिस्पेच सैंटर’ एक स्वतंत्र बॉडी है, इस पर हरियाणा का न तो एडमिनिस्ट्रेटिव और न ही ऑपरेशनल कंट्रोल है।       

  उन्होंने रणदीप सूरजेवाला द्वारा अडानी को मुफ्त में बिजली दिए जाने के आरोपों को बेबुनियाद व तथ्यों से परे बताते हुए कहा कि उक्त ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट लाइन’ के फ्लो से हरियाणा का कोई लेना-देना नहीं है, प्रदेश का बिजली में जो हिस्सा है उस पर कोई प्रभाव नहीं पडऩे वाला। उन्होंने आगे कहा कि 9 अप्रैल 2022 से 12 अप्रैल 2022 तक 177 मेगावॉट से बढ़ाकर 487 मेगावॉट उत्तर क्षेत्र से पश्चिम क्षेत्र में भेजी गई बिजली ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट लाइन’ का ही एक उदाहरण है।        

 बिजली मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र से उत्पादित व अपने स्तर पर उत्पादित बिजली का हरियाणा पूरा सदुपयोग कर रहा है। हरियाणा के हिस्से की बिजली को कहीं भी नहीं भेजा गया है। उन्होंने सूरजेवाला द्वारा प्रदेश में बिजली संकट होने के आरोपों को औचित्यहीन बताते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने उपभोक्ताओं को आवश्यकता अनुसार बिजली देने के लिए कृतसंकल्प है।

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