चण्डीगढ,1मई:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा व राज्य आडिटर तथा चण्डीगढ डिपो के प्रधान चन्द्रभान सोलंकी ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि परिवहन के उच्च अधिकारियों द्वारा हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ डिपो में हुए 1,45,739 रुपये के फर्जी बिल घोटाले की निष्पक्ष जांच पड़ताल करवाकर दोषी कर्मचारी व अधिकारियों पर कार्यवाही करने की बजाय ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया है। जो सरासर गलत है। दोदवा ने बताया कि हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ डिपो में मार्च 2021 में 1,45,739 रूपये का फर्जी बिल घोटाला हुआ था। जो आपसी हिस्सा-पत्ती पर बात बिगङने के कारण उजागर हुआ था। युनियन ने जब डिपो में हुए घोटाले की जांच-पङताल करवाने की मांग की तो डिपो महाप्रबंधक ने जांच करवाने की बजाय युनियन पदाधिकारियों को धमकाना व प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। डिपो प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर युनियन ने डिपो में हुए घोटाले की शिकायत परिवहन के तमाम उच्च अधिकारियों, विजिलेंस हरियाणा व केंद्र सरकार तथा माननीय प्रधानमन्त्री कार्यालय, भारत सरकार को दी गई।विजिलेंस हरियाणा, केंद्र सरकार व पीएमओ आफिस से डिपो में हुए घोटाले की जांच के सख्त आदेश आ गये। परिवहन निदेशालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए दिनांक 3-12-2021 को संयुक्त परिवहन निदेशक-2 की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया,जिसमें वरिष्ठ लेखाधिकारी व अनुभाग अधिकारी-2 मुख्यालय को उक्त कमेटी का सदस्य बनाया गया। कमेटी द्वारा की गई प्राथमिक जांच-पड़ताल में की गई शिकायत की सही पुष्टी होनी पाई गई। लेकिन यह जांच आगे नहीं बढ पाई तथा न ही दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर कोई कार्यवाई हुई। जांच को लटकाने के लिए परिवहन निदेशालय द्वारा21फरवरी,2022 को दोबारा से मुख्य लेखाधिकारी,सिनियर लेखाधिकारी व अनुभाग अधिकारी (मुख्यालय) की जांच कमेटी नियुक्त की थी लेकिन उक्त कमेटी द्वारा आज तक जांच-पड़ताल पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है। जिससे साफ जाहिर होता है कि परिवहन के उच्च अधिकारी जांच-पड़ताल में देरी करके किसी न किसी रूप में डिपो प्रशासन को बचाने का काम कर रहे हैं। दोदवा ने आरोप लगाया है कि किसी भी चालक-परिचालक को छोटी सी गलती पर तुरन्त निलंबित करके नियम 4-बी के तहत आरोप पत्र जारी किया जाता है तो 1,45,739 रूपये का फर्जीवाङा करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों पर आज तक कोई कार्यवाई क्यों नहीं? आखिर ऐसा क्यों, क्या कर्मचारियों के लिए दो तरह के कानून लागू होते हैं? उन्होंन बताया कि विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि महाप्रबंधक हरियाणा राज्य परिवहन चण्डीगढ के उपर परिवहन मन्त्री श्री मुलचन्द शर्मा जी का आशीर्वाद है जो अपने आपको उनका रिश्तेदार बताकर कुछ भी न बिगङने की बात कह रहे हैं। इसीलिए आज तक इस घोटाले की जांच नहीं हो रही। इसमें कुछ सच्चाई भी सामने आ रही है कि महाप्रबंधक के खिलाफ जांच-पड़ताल लम्बित होने के बावजूद भी उनको यातायात प्रबन्धक से महाप्रबंधक के पद पर पदोन्नत कर दिया गया,जबकि विभागीय हिदायतों अनुसार ऐसा नहीं होना चाहिए था। दोदवा ने परिवहन मन्त्री व परिवहन के उच्च अधिकारियों से अपील की है कि भाई-भतीजावाद व पक्षपात का रवैया छोड़कर डिपो में हुए घोटाले की शीघ्र जांच करवाकर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाये। अगर इसके बाद भी कार्यवाई नहीं हुई तो दोबारा से उच्च स्तर पर शिकायत करके जांच अवश्य करवाई जायेगी तथा किसी भी सूरत में दोषियों को बक्शा नहीं जायेगा। चाहे इसके लिए कितनी भी बङी कार्यवाई क्यों न करनी पङे। Post navigation ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम के मंच से कांग्रेस ने भरी प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की हुंकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहीद मदनलाल ढींगरा की प्रतिमा का अनावरण कर किया नमन