नगर परिषद चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में आज दो नये चेहरे आये सामने, दो सोमवार को आयेंगे

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल । दक्षिणी हरियाणा विशेषकर जिला महेंद्रगढ़ में चल रहे आम आदमी पार्टी के सदस्यता अभियान मैं आज उस वक्त मोड़ आया जब युवा जोश के साथ रेवाड़ी रोड से रविकांत यादव और शंकर तंदूरवाला ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी का दामन थामा। पूर्व सांसद वह आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता अशोक तंवर ने टोपी पहना रविकांत यादव, शंकर तंदूरवाले व उसके साथियों को आम आदमी पार्टी की सदस्यता दिलवाई। उम्मीदवारी में दो सशक्त दावेदार सोमवार को आप पार्टी की सदस्यता लेकर नारनौल नगर की राजनीति के समीकरण में भरी उल्टफेर की और इशारा कर रहे है। सोमवार को सुरेश सैनी तथा कांता यादव दो सशक्त दावेदार नारनोल की राजनीति में धमाका करने को तैयार है। आगामी नगर परिषद नारनोल का चुनाव भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के सामने आप पार्टी ने बड़ी चुनौती खड़ी करने की तैयारी करती है। 

युवा जोश के साथ सैकड़ों समर्थक आज आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के लिए निजामपुर रोड व पुरानी सराय पहुंचे। सदस्यता अभियान के बाद जैसे ही रविकांत तथा शंकर का नाम सामने आया। इसके बाद सुरेश सैनी और श्रीमती कांता यादव ने आप की टोपी पहन राजनीतिक गलियारों में एक बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है कि आम आदमी पार्टी अगर आगामी चुनाव में नगर परिषद के चुनाव के दौरान अपना उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो कहीं ना कहीं आने वाले नगर परिषद चुनाव में आम आदमी पार्टी के युवा चेहरे और स्वच्छ छवि व जातिगत समिकरण के रूप में रविकांत यादव, शंकर तंदूरवाला, सुरेश सैनी तथा श्रीमती कांता यादव में से किसी को झाड़ू के निशान पर चुनाव लड़वाया जा सकता है। सिंबल पर चुनाव लड़ पाए गए तो सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी और कांग्रेस को होगा क्योंकि रेवाड़ी रोड के साथ-साथ शहर के साथ गांवो में भी इन चेहरों की अच्छी पहचान मानी जाती है।

आगामी विधानसभा चुनाव की भी हो रही है तैयारी
हालांकि अभी आम आदमी पार्टी को लोग केवल इसलिए हल्के में ले रहे हैं क्योंकि सत्ताधारी पार्टी वर्तमान में या कांग्रेस का अतीत में भले ही दबदबा रहा हो पर विशाल हरियाणा पार्टी व हरियाणा की अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का बोलबाला दक्षिणी हरियाणा में रहा है। हरियाणा ने अनेक बार देश की राजनीति को नई दिशा व नया नेतृत्व दिया है। लेकिन अगर पंजाब व दिल्ली को देख कर चलें तो राजनीति के मायने कब और कैसे बदल जाते हैं यह भी एक बड़ा फर्क देखा जा रहा है। वहीं दूसरी बात इस चीज को भी मान कर देती जाती है कि अगर आम आदमी पार्टी हरियाणा के अंदर वर्चस्व स्थापित करती है तो कहीं ना कहीं सबसे ज्यादा नुकसान सत्ताधारी पार्टी को होगा और जिस विकल्प के बाद लॉक कर रहे थे विकल्प भी अब निकल कर सामने आएगा। अभी तक भाजपा की डींगे इसलिए कामयाब थी कि कांग्रेस में भारी गुटबाजी के अलावा अन्य किसी राजनीतिक दल का वर्चस्व दिखाई नहीं दे रहा था।

अब जनता को आम आदमी पार्टी थे रूप में एक सशक्त विकल्प मिलता दिखाई दे रहा है।महेंद्रगढ़ आम आदमी पार्टी को युवा नेतृत्व के रूप में जब उधोगपति एवं अधिवक्ता रविंद्र सिंह उर्फ मटरु के रूप में सशक्त चेहरा मिला। तत्पश्चात पूर्व जिला प्रमुख भाई राम सिंह यादव के रूप में एक और बड़ा तेरा पार्टी को मिला। शंकर तंदूरवाला, रविकांत यादव ने आप पार्टी का दामन थामा। इसके बाद जब सुरेश सैनी और प्रसिद्ध अधिवक्ता नौनिहाल सिंह की पूत्तर वधू शिक्षाविद कांता यादव धर्मपत्नी (राकेश यादव से सैशन जज) की चर्चा आप का चेहरा बनने की चर्चा चली तो जैसे आम आदमी पार्टी भविष्य में आंधी के रूप में परिवर्तित होने के कगार पर पहुंचती जा रही है।

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