भाजपा खटटर सरकार का यह कदम लोकतांत्रिक अवधारणा व लोगों को स्वस्थ रखने की सोच के खिलाफ है। विद्रोही
भाजपा सरकार आमजन खेल में आगे न बढ़ सके व अपने को स्वास्थ्य न रख सके, इसका प्रबंध कर रही है। विद्रोही

22 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाण के खेल स्टेडियमों में खिलाडियों के अभ्यास करने पर सौ रूपये मासिक व आमजनों के सैर करने के लिए एक हजार रूपये मासिक फीस लगाने के भाजपा खट्टर सरकार के फैसले को तुगलकी फैसला बताया जो खेल, खिलाडियों व आमजनों के स्वास्थ्य व फिटनेस पर भारी पडेगा। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश में खेल व खिलाडियों को प्रोत्साहित करने व आमजन स्वास्थ्य रहे, यह सरकार का संवै़़द्यानिक दायित्व है, पर भाजपा खट्टर सरकार इस संवैद्यानिक दायित्व को भी निभाने के नाम पर आमजन की जेब काटकर खेल स्टेडियमों को भी पैसा कमाने का साधन बना रही है। भाजपा खटटर सरकार का यह कदम लोकतांत्रिक अवधारणा व लोगों को स्वस्थ रखने की सोच के खिलाफ है। खेल स्टेडियम ऐसे साधन है जहां अमीर-गरीब, छोटा-बडा हर नागरिक बिना जाति, लिंग, धर्म, वर्ग व समुदाय के भेदभाव बिना अपने को स्वास्थ्य रखने व खेल में आगे बढने का रास्ता देखता है। पर भाजपा सरकार आमजन खेल में आगे न बढ़ सके व अपने को स्वास्थ्य न रख सके, इसका प्रबंध कर रही है।

विद्रोही ने कहा कि सरकार का खेल व स्वास्थ्य विरोधी यह रवैया समझ से परे है। किसी खिलाडी को खेल अभ्यास करने के लिए खेल स्टेडियम का प्रयोग करने हेतु 100 रूपये व आम नागरिक को प्रतिदिन सैर करने के लिए ही एक हजार रूपये मासिक फीस देनी पडे, यही अपने आप में लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ क्रूर मजाक है। कांग्रेस व अन्य सरकारों ने हरियाणा में तीन स्टेट लेवल, 21 जिला स्तरीय व 12 सब-डिवीजन स्तर के खेल स्टेडियम बनाने के साथ 163 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर बनाये है ताकि प्रदेश कर हर छोटा-बडा, अमीर-गरीब समान रूप से अपनी खेल प्रतिभा को निखार सके व अपने को स्वस्थ रखने खातिर इन खेल स्टेडियम का प्रयोग कर सके। भाजपा खट्टर सरकार द्वारा उच्च स्तर के और आधुनिक स्टेडियम बनाना तो दूर की बात, पूर्व की सरकारों द्वारा बनाये गए स्टेडियमों का भी आम खिलाडी व आमजन कैसे उपयोग कर रहे है, यह भी रास नही आ रहा तभी तो इन स्टेडियम में घुसने के लिए ही खट्टर सरकार ने फीस ठोकी है। वहीं इन खेल स्टेडियमों का व्यवसायिक कार्यो व सामाजिक समारोह के लिए प्रयोग करने खातिर प्रतिदिन एक से ढाई लाख रूपये की फीस तय करके एक तरह से इन खेल स्टेडियमों को शादी समारोह व वाणिज्यिक स्थलों में बदलने का जो कुप्रयास किया है, उससे खेल स्टेडियम बनाने की अवाधरण पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया।

विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार खेल-खिलाडियों व लोगों का स्वस्थ और फीट रखने के लिए जुमलेबाजी तो ऐसे करती है कि मानो उससे अधिक खेल-खिलाडियों और आमजन का कोइ्र हितैषी न हो, पर भाजपा सरकार का हर कार्य खेल-खिलाडियों व आमजनों के खिलाफ होता है। पहले खिलाडियों के सरकारी भर्ती कोटे में रोड़े अटकाये और अब खेल स्टेडियमों के इस्तेमाल पर फीस ठोकर सभी सीमाओं को लांघ दिया। विद्रोही ने मुख्यंमत्री से मांग की खेल स्टेडियमों को आय का जरिया बनाने के अपने नापाक इरादों पर वे ब्रेक लगाकर खेल स्टेडियमों को पूर्व की तरह ही खिलाडियों व आमजनों को मुफ्त प्रयोग करने की परम्परा जारी रखे।

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