ओबीसी व वंचितों का संवैद्यानिक हक हडपने के लिए मोदी सरकार जातिगत जनगणना से भाग रही है : विद्रोही

यदि मोदी-संघी सरकार ओबीसी, शोषित, वंचित वर्गो की इतनी ही हितैषी है तो जातिगत जनगणना से क्यों भाग रही है? विद्रोही
मोदी-भाजपा संघी सरकार जानती है कि यदि एकबार जातिगत जनगणना हो गई तो उसका संघी हिन्दुत्व का एजेंडा धाराशाही हो जायेगा : विद्रोही
गैरभाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रीयों से भी आग्रह किया कि वे भी जागे और अपने-अपने राज्यों में सरकारी स्तर पर राज्यावार अलग से जातिगत जनगणना करवाने का फैसला ले : विद्रोही

19 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा-संघीयों से सार्वजनिक सवाल किया कि यदि मोदी-संघी सरकार ओबीसी, शोषित, वंचित वर्गो की इतनी ही हितैषी है तो जातिगत जनगणना से क्यों भाग रही है? विद्रोही ने कहा कि कोंग्रेस-यूपीए राज द्वारा 2012 में करवाई गई जातिगत जनगणना के आंकड़े प्रकाशित न करना व व्यापक मांग के बाद भी 2021 जनगणना में जातिगत जनगणना न करना खुद प्रमाण है कि भाजपा-मोदी सरकार ओबीसी सहित अन्य शोषित वर्गो को उनकी जनसंख्या के आधार पर सरकारी संसाधनों, नौकरियों, सत्ता, प्रशासन में भागीदारी देना नही चाहती। यदि विधिवत रूप से जातिगत जनगणना हो गई तो किस जाति की कितनी जनसंख्या है और उस अनुपात में सरकारी नौकरियों, प्रशासन, न्याय व्यवस्था सहित शिक्षा क्षेत्र में उसकी कितनी भागीदारी है, इसकी पोल खुल जायेगी। मोदी-भाजपा संघी सरकार जानती है कि यदि एकबार जातिगत जनगणना हो गई तो उसका संघी हिन्दुत्व का एजेंडा धाराशाही हो जायेगा।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि ओबीसी व वंचितों का संवैद्यानिक हक हडपने के लिए जान-बूझकर मोदी सरकार जातिगत जनगणना से भाग रही है। आज भाजपा को छोडकर देश के लगभग सभी राजनीतिक दल जातिगत जनगणना करवाने के समर्थन में है। सवाल उठता है कि जब देश के सभी राजनीतिक दलों की जातिगत जनगणना के संदर्भ में व्यापक सहमति है तो फिर भाजपा के हठ के कारण जातिगत जनगणना नही करवाना कैसे उचित है? जातिगत जनगणना के संदर्भ में भाजपा-संघ के रवैये के प्रति पिछडे वर्ग को अपना आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि आखिर वे भाजपा का समर्थन करके अपने पैरों पर कुल्हाडी क्यों मार रहे है?  संघी हिन्दुत्व की बीन पर नाचकर पिछडा, दलित, आदिवासी, शोषित-वंचित वर्ग खुद अपने पैरों पर कुल्हाडी मारकर अपना व अपनी भावी पीढ़ी का भविष्य बर्बाद करने पर क्यों तुले है? संघी हिन्दुत्व का समर्थन करके उक्त मेहनतश वर्ग फिर से देश में मनुवादी सामाजिक व्यवस्था को बढावा देकर खुद को शूद्र बनाने की ओर क्यों बढ़ रहे है? वही विद्रोही ने सभी गैरभाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रीयों से भी आग्रह किया कि वे भी जागे और अपने-अपने राज्यों में सरकारी स्तर पर राज्यावार अलग से जातिगत जनगणना करवाने का फैसला ले ताकि मोदी-भाजपा-संघ के पास भी अपने शासित राज्यों में भी जातिगत जनगणना करवाने के अलावा कोई विकल्प बचे ही नही।

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