कोरोना काल में भारत ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में दिखाई आत्मनिर्भरता
आजादी का अमृत महोत्सव , देशवासियों के लिए गौरव का विषय

गुरूग्राम, 18 अप्रैल। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विश्वविद्यालय उद्यमी पैदा करने वाले संस्थान बनें क्योंकि जितने ज्यादा उद्यमी बनेंगे उतना देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से भी कहा कि वे टैक्नोलॉजी और रिसर्च अपनाकर नौकरी मांगने वालों की बजाय नौकरी देने वाले बनें।

वे आज गुरूग्राम के सैक्टर-23 स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित छात्रवृति वितरण समारोह के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है , ऐसे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर बनने का मूल मंत्र दिया गया है। देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और इसका उदाहरण कोविड काल में हम सभी के सामने आया है । उन्होंने कहा कि दुनिया भर में पहले भारत को विचित्र तरीके से देखा जाता था लेकिन कोविड-19 के बाद विश्व को पता चला कि भारत क्या है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश और दुनिया की स्थिति चिंताजनक हो गई थी और सभी को चिंता थी कि आर्थिक स्थिति का क्या होगा। कोरोना महामारी से बचाव के लिए हमारे देश के वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं ने कड़ी मेहनत करते हुए कोरोना रोधी वैक्सीन बनाई। हालांकि देश की इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन लगाना भी किसी चुनौती से कम नही था लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 120 करोड़ की आबादी को एक से डेढ़ वर्ष में वैक्सीन लगाई गई जोकि भारत की बड़ी उपलब्धि है। पहले इस प्रकार के टीकाकरण का कार्य 30 वर्ष तक चलता था। उन्होंने कहा कि अब देश में ना केवल 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई बल्कि भारत ने दुनिया के 80 से ज्यादा देशो में वैक्सीन भेजी भी है।

उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आज के बदलते परिवेश में तकनीक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में युवाओं को तकनीक का प्रयोग करते हुए आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। उन्होंने मंच से मेक इन इंडिया , स्किल इंडिया तथा स्टार्ट अप इंडिया पर बोलते हुए कहा कि युवाओं को इन तीनों विषयों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये विषय ही भारत की आर्थिक उन्नति को आगे ले जाने मे सहायक होंगे। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि अब दुनिया यह मानने लगी है सन् 2030 तक भारत सशक्त बनकर उभरेगा।

उन्होंने गुणवत्ता शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में नैतिक मूल्यों के साथ शिक्षा दी जानी चाहिए। राज्यपाल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी उल्लेख किया और कहा कि टैक्नोलॉजी तथा स्किल के बिना शिक्षा आउटडेटिड है। उन्होंने गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिलवाने का आह्वान किया। साथ ही राज्यपाल ने महिला शिक्षा पर भी जोर दिया और कहा कि महिलाएं शिक्षित होकर आगे बढ़ेगी तो समाज और देश भी आगे बढ़ेगा। उन्होंने युवाओं से कहा कि आप ‘फिजिकली स्ट्रांग , मेंटली साउंड और मोरल्लि हाई , देन ओनली यू केन फ्लाई‘ अर्थात् आप शारीरिक रूप से मजबूत , मानसिक रूप से स्वस्थ और नैतिक रूप से उच्च मूल्यो वाले बने तभी आप उन्नति की उंचाईयों को छू सकते हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति , प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार के अलावा डीसीपी ट्रेफिक रविन्द्र तोमर , चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर वत्सल वशिष्ट सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।