समय के साथ हुए बदलावों से शाही घरानो से आमजन तक पहुँची है हैंड मेड ब्लॉक प्रिंटिंग की कला गुरुग्राम, 17 अप्रैल।शहर में भले ही गर्मी की तपिश बढ़ रही हो लेकिन सरस मेले की रौनक का तापमान भी अपने चरम पर है। वीकेंड होने के कारण शनिवार व रविवार को गुरुग्राम वासियों ने मेले में जमकर खरीदारी की। कुछ ऐसा ही नजारा था ए ब्लॉक के स्टाल नम्बर 24 पर, जहां रोहतक के लाखन माजरा से आई मानता देवी स्टाल पर आ रहे दर्शकों को मुफ्त में लेडीज स्कार्फ व रुमाल पर अपने हाथ से उनकी पसंद का डिज़ाइन प्रिंट करके दे रही थी। यहाँ आपको केवल कपड़े की कीमत चुकानी है। बाकी करीब 15 ब्लॉक डिजाइन की वैरायटी है जिसमें से आप अपनी पसंद का डिज़ाइन चुनकर अपनी चॉइस के कपड़े पर प्रिंट करा सकते हैं। वहीँ उनके स्टाल पर नेचुरल डाई जैसे हल्दी व गेंदे के फूलों से किए गए प्रोडक्ट भी उपलब्ध है। स्टाल पर आने वाले दर्शकों द्वारा साड़ी, कुशन, सूट, बेडशीट व जूट के बैग पर की गई हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग भी खासी पसंद की जा रही है। इसके अलावा उनके स्टाल पर 1500 रुपए की गुदड़ी व एसी में ओढ़ने वाला दोहर जोकि मात्र 1200 रुपए में बिक रहा है। मानता देवी अपने उत्पादों के साथ जिस भी आयोजन या मेले में शामिल होती है वहां उनके उत्पाद वैरायटी व गुणवत्ता के कारण हाथों हाथ बिक जाते है। उन्होंने बताया कि किसी भी सफलता के पीछे एक संघर्ष की दास्तान जरूर होती है। करीब 4 साल पहले उन्होंने अपने गांव लाखन माजरा में ही अपने घरों में सिलाई करने वाली महिलाओं को इकठ्ठा कर, प्रगति स्वयं सहायता समूह का गठन किया। इसके उपरांत उन्होंने हैंडमेड ब्लॉक प्रिंटिंग में अपनी इच्छा के अनुसार हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि काम शुरू करने के लिए उनके समूह की 12 सदस्यों ने अपने अपने स्तर ही करीब 75 हजार की राशि का इक्कठी कर हैंड ब्लॉक प्रिन्टिंग के लिए कच्चा माल खरीदकर इस कार्य का शुभारंभ किया। मानता देवी का कहना है कि समूह को शुरुआत में तो कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निरंतर मार्गदर्शन व सरस मेले व गीता जयंती जैसे आयोजनों ने उनके कार्य को एक नई पहचान दिलाई है। मानता देवी बताती है कि आज उनके समूह की प्रत्येक महिला इस कार्य से हर महीने 6 से 7 हजार का मुनाफा कमा रही हैं। हैंडमेड ब्लॉक प्रिटिंग का अनूठा है इतिहासहैंडमेड ब्लॉक प्रिंटिंग भारत का एक प्राचीन शिल्प रूप है जो अनादि काल से प्रचलित है। प्राचीन समय में इसे केवल शाही राजघरानो का संरक्षण प्राप्त था। जिसमें केवल राजा महाराजाओं के शाही सूती वस्त्रों पर ही हाथों व डिज़ाइनर ब्लॉक के माध्यम से प्रिंट किया जाता था। बाद में समय के साथ हुए बदलावों ने इसको आमजन तक पहुंचा दिया। Post navigation कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए जारी की एडवाईजरी बेटियों को ब्याह कर पुण्य का काम कर रही एक आवाज संस्था: सिंगला