नूँह – गुरुवार को देश के संविधान निर्माता भारत रत्न भीमराव अंबेडकर की जयंती कांग्रेस ने मेवात में जिला कांग्रेस मुख्यालय नूँह सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जिसमें बाबा साहब को खिराजे अक़ीदत पेश की गई।

नूँह विधायक व कॉंग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफ़ताब अहमद ने भारत रत्न भीमराव अंबेडकर के आटा और उदाका गाँवों में आयोजित कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की तो जिला कांग्रेस मुख्यालय नूँह पर पीसीसी सदस्य चौधरी महताब अहमद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

भारत रत्न भीमराव अंबेडकर ने कहा कि अंबेडकर ने देश को एकता की सूत्र में बांधने के लिए उन्होंने सामाजिक असमानता और भेदभाव को समाप्त करने पर विशेष जोर दिया। देश को संविधान देकर समाज के शोषित, गरीब, दलित जनता के अधिकारों को संरक्षित कर मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है। केंद्र की वर्तमान सरकार बाबा साहब के संविधान में प्रदत्त अधिकारों को खत्म करने का प्रयास कर रही है।

आफ़ताब अहमद ने कहा कि बाबा साहब ने कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए शिक्षा प्राप्त की और सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने का प्रयास किया और उन्हें सफलता भी मिली। अमेरिका और इंग्लैंड से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद भारत में सामाजिक, राजनीतिक आंदोलन में भाग लिए। अपने विचारों को अलग-अलग पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से जनजागरण लाया। डा. आंबेडकर ने जीवनभर दलितों की लड़ाई लड़ी पर 1952 के लोकसभा चुनाव में नारायण कासबड़े से 12 हजार से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा।तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी योग्यता और देश के विकास को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा के माध्यम से उच्च सदन में भेजा और प्रथम कानून मंत्री बनाया।

आफ़ताब अहमद ने कहा किडॉ अंबेडकर भारतीय जाति व्यवस्था के कट्टर आलोचक माने जाते थे और उन्हें हाशिए के समुदायों को ऊपर उठाने के लिए कई सुधार लाने का श्रेय जाता है। उन्होंने दलितों के लिए राजनीतिक और सामाजिक आजादी पर जोर दिया।

समाज के हर वर्ग के दबे हुए लोगों को उन्होंने ऐसा हथियार संविधान के रूप में दिया जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले लेकिन आज मौजूदा बीजेपी सरकार उस संविधान की जिम्मेदारी नहीं निभा रही है और लोगों के मौलिक अधिकार खतरे में हैं।बीजेपी सरकार की संविधान विरोधी मंशा से सभी को संघर्ष करना होगा और सुनिश्चित करना होगा की देश संविधान से चले।

पीसीसी सदस्य चौधरी महताब अहमद कहा कि भारत रत्न विधिवेत्ता, प्रथम कानून मंत्री, लेखक, बैरिस्टर, संविधान निर्माता, दलित, शोषितों के मसीहा और बौद्धिस्ट के रूप में देश को एक नई दिशा और राह दिखाई, जब तक देश मे प्रजातंत्र रहेगा। बाबा साहब का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

महताब अहमद ने कहा कि डॉ अम्बेडकर के कार्यों से प्ररेणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि आज के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बाबा साहब के बताये रास्ते पर चलकर ही देश के सामने खड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।

इस दौरान मदन तंवर, आनंद सरपंच, करतार सरपंच आटा, लक्ष्मण, मस्त नन्द राम, अन्नू, विकास घासेड़ा, प्रकाश सलम्बा, राकेश, लेखराम नबरदार, सुरेंद्र मंत्री, सुरेश सरपंच, महेन्द्र, रणजीत आकेडा आदि मौजूद थे।

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