गुरुग्राम,10 अप्रैल। सरस मेला 2022 हरियाणा के साथ साथ देश के अन्य राज्यों में कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए अपनी संस्कृति व हस्तकलां दिखाने का एक बेहतरीन मंच है। एक लंबे अरसे के बाद गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित लेजर वैली पार्क में आयोजित किए जा रहे सरस मेले में हर उम्र के पर्यटकों के लिए कई आकर्षक चीजों के स्टाल लगाए गए हैं। जिसमें मेले में आए पर्यटक खासी रुचि दिखा रहे हैं। खासकर पर्यटकों के साथ आए बच्चे खिलौनों की स्टाल पर जाकर अपने अभिभावकों के साथ जमकर खरीदारी कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा है मेले के सी ब्लॉक के स्टाल नंबर 14 पर जहां गुरुग्राम के गांव बढ़ा से आए बाला स्वयं सहायता समूह द्वारा बाजार भाव से कम दामों पर सॉफ्ट टॉयज यानी हाथों से निर्मित सॉफ्ट खिलौनों ग्राहकों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। स्टॉल पर मौजूद समूह की प्रमुख श्रीमती राजबाला व उनके पति मेहरचंद ने बताया कि हर माता पिता की इच्छा होती है कि उनके बच्चे कोई खिलौना मांगे तो वे उसे उपलब्ध करवाए लेकिन कई बार आपकी पॉकेट खिलौनों के महंगे दामों के कारण इसकी इजाजत नही देती। ऐसे में वे दोनों पति पत्नी पिछले 25 सालों से स्वयं सहायता समूहों की मदद से लोगों को कम दाम पर सॉफ्ट टॉयज उपलब्ध करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भले ही खिलौनों पर मुनाफा थोड़ा कम हो लेकिन जब भी कोई बच्चा अपने माता पिता के साथ कोई आइटम खरीदता है तो उस समय उसके नन्हे चेहरे पर जो मुस्कान होती है वो बड़ा सुकून देती है। मेहरचंद ने बताया कि उन्होंने स्वयं वर्षों पहले गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय से खिलौनों के निर्माण की ट्रैनिंग ली थी और आज वे विभिन्न जगहों पर जाकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इसके निर्माण के गुर सीखा रहे हैं। श्रीमती राजबाला में बताया कि उनकी स्टाल पर करीब 30 से 35 वैरायटी के खिलौने है। जिनकी कीमत 100 रुपये से 1800 रुपये के बीच है। मेले में स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित लाख व धागे की चूड़ियां बनी पर्यटक महिलाओं के बीच आकर्षण का केंद्र श्रृंगार महिलाओं के जीवन का अभिन्न अंग है जिसमें चूड़ियों का विशेष महत्व है और महिलाओं में चूड़ियों के प्रति आकर्षण तब अधिक बढ़ जाता है यदि वो लाख से बनी हो। शायद यही कारण है कि सरस मेले में आई पर्यटक महिलाएं विभिन्न स्टाल पर जमकर इनकी खरीदारी कर रही है। कुछ ऐसा ही नजारा है बी ब्लॉक के स्टाल नंबर 28 पर है। जहां हरियाणा के जिला जींद के रामराय गांव में परशुराम स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित लाख व धागे की चूड़ियां महिलाओं के बीच आकर्षण व खरीदारी का केंद्र बन रही हैं। स्टाल पर बिक रही चूड़ियों को ना सिर्फ अलग अलग रंग व रूप दिया गया है। वहीं रेशमी धागों का उपयोग कर उनपर विभिन्न प्रकार की आकृतियां भी बनाई गई हैं। समूह की प्रमुख सुदेश ने बताया कि उनके सेल्फ हेल्प ग्रुप ने विभिन्न मेलों के माध्यम से हरियाणा के साथ साथ अन्य राज्यों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यही कारण है कि आज सोशल मीडिया के सहयोग से उनके पास प्रदेश के साथ साथ देश के अन्य भागों से भी लाख की चूड़ियों के डिमांड आती रहती है। उन्होंने बताया सरस मेले में उपलब्ध चूड़ियों में सबसे कम कीमत का सेट 80 रुपये का है वहीं अधिकतम कीमत केवल 570 रुपये रखी गयी है। Post navigation 11 से 17 अप्रैल तक किसान मनाएंगे एमएसपी गारंटी सप्ताह : देशभर में धरना, प्रदर्शन, गोष्ठी के जरिए होगा जन जागरण सरस मेले में सांस्कृतिक संध्या : ‘1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम’ पर नाटक का मंचन