-कमलेश भारतीय यह कोई पहली पहली बार नहीं हो रहा है । यह तो मीडिया की पुरानी आदत है -बेगानी शादी में मीडिया का दीवाना हो जाना । बहुत पहले से यह चल रहा है और अमिताभ बच्चन के इकलौते सपूत अभिषेक बच्चन की ऐश्वर्या राय संग शादी के समय तो हद ही हो गयी थी जब दिन रात टीवी चैनल घर के बाहर ही कवरेज करते रहते थे और किसी ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य किया था कि मीडिया का बस नहीं चला वर्ना ये तो हनीमून की कवरेज भी एक्सक्लूसिव देते । हद है न । न बुलाया न कुछ बात हुई पर मीडिया लगा रहा अपने काम पर । इसी तरह शादी रवीना टंडन की हुई या विराट अनुष्का की मीडिया लगातार बिन बुलाये कवरेज के लिए हर पल हाजिर दिखा । कोई इवेंट नहीं छोड़ी । वैसे तो विक्की कौशल और कैटरीना कैफ की शादी भी मीडिया ने धूमधाम से सेलिब्रेट की । क्या कहने मीडिया के । बलिहारी जाऊं मीडिया के । इन दिनों एक और शादी होने वाली है । अभी घर के लोग कन्फर्म नहीं कर रहे विवाह की तिथि लेकिन मीडिया कन्फर्म कर रहा है कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी इसी माह सत्रह अप्रैल को होने जा रही है और तैयारियां चल रही हैं जोरशोर से । रणधीर कपूर ने तिथि को फाइनल नहीं बताया और न ही आलिया भट्ट के चाचा राॅबिन भट्ट ने पर मीडिया बिल्कुल निश्चिंत है कि शादी सत्रह अप्रैल को ही होगी । पंजाबी रीति रिवाज से होगी । बस फैमिली के कुछ यानी अढ़ाई सौ लोगों को ही इन्वेस्ट किया गया है । मीडिया फिर बिना शादी के कार्ड के किसलिए दीवाना हो रहा है ? क्या देश का इस शादी के बाद बहुत कल्याण होने वाला है ? क्या देश की सारी समस्याएं खत्म हो गयीं ? क्या फिल्मी दुनिया की ग्लैमरस शादी की खबरों से आम आदमी को महंगाई से छुटकारा मिलने वाला है या कि अच्छे दिन आने वाले हैं ? कोई तो बताओ यार ? क्या जादू होने वाला है ? बस । एक्सक्लूसिव यह कि कहां आलिया के और कहां रणबीर कपूर के शादी के जोड़े बन रहे हैं । जैसे कोई अनोखी बात हो । यार । हमारी आपकी शादी के जोड़े भी तैयार बने थे । हमारे डिजाइनर मनीष मल्होत्रा न होकर कोई अज्ञात फैशन डिजाइनर थे । इतना ही फर्क है । विराट कोहली इटली शादी करवाने क्यों गये ? मीडिया ने इसमें भी देशभक्ति खोजने की कोशिश की थी और अब इनकी बेटी की एक झलक के लिए भी मारे मारे फिरते रहे । ऐसे ही ऐश्वर्या राय की बेटी आराध्या की फोटो छाप कर गद्गद् होते रहते हैं । अरे यार यह बहुत गरीब देश है । इसकी समस्याओं को उठाओ । किसान कैसे सुबह से कतार में खड़े हो जाते हैं खाद के लिए । गरीब कैसे रसोई गैस सिलेंडर ब्लैक में खरीदते हैं । महंगाई सुरसा की तरह मुंह क्यों खोले रहती है ? राजनेता कैसे जनता को लोकलुभावन वादे करते हैं और नौकरियां कैसे सूटकेस में नोट भर कर खरीदी जाती हैं और छोटे छोटे क्लर्क कैसे करोड़ों रुपये की रिश्वत ले लेते हैं । कैसे साधु संत बच्चियों के साथ उनकी भावनाओं से खेल जाते हैं । सच । पूरी बेशर्मी से । यार । बहुत कुछ है लिखने को । छोड़ दो रणबीर कपूर और आलिया की शादी को । क्यों दीवाने हुए जा रहे हो ? पर एक बात अंत में मीडिया हर जगह ही बिन बुलाये जाता है और जाना पड़ता है । फिर हमेशा ही रहेगा मीडिया बेगानी शादी में दीवाना ,,, काहे की चिंता है यार ,,,,पंडित नहीं आया तो शादी के फेरे भी मीडिया ही करवा देगा ?-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation जड़ी-बूटियों की खेती भारत के लिए आय और निर्यात का एक बड़ा स्रोत हैं लघुकथा : स्मृतिचिन्ह