चंडीगढ़, 3 अप्रैल, 2022 – चार दिन में तीन पेपर लीक होने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश के युवाओं के भविष्य से लगातार खिलवाड़ कर रही है और इस युवा विरोधी सरकार ने प्रदेश को ‘‘पेपर लीक माफिया’’ का केंद्र बना दिया है।

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने तीन दर्जन से ज्यादा बड़ी परीक्षाओं में पेपर लीक करके एक शर्मनाक राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया है। हरियाणा में बार-बार पेपर लीक होने और खुलेआम नक़ल चलने से प्रदेश सरकार का नाकारापन एक बार फिर जगजाहिर हो गया है। इस सरकार में हरियाणा एक ऐसा ‘‘पेपर लीक माफिया’’ व ‘‘पेपर बेच माफिया’’ का केंद्र बन गया है, जहां पर पेपर लीक माफिया में कानून का कोई भय नहीं रह गया है।

सुरजेवाला ने कहा कि पिछले आठ सालों में लगातार लगभग चालीस पेपर ‘पेपर लीक माफिया’ व ‘पेपर बेच माफिया’ के माध्यम से लीक भी हुए और बेचे भी गए, लेकिन आज तक भाजपा-जजपा सरकार न तो इस माफिया का भंडाफोड़ कर पाई और न उस पर रोक लगा पाई एवं न ही उन्हें सजा दिलवा पाई, जिसके चलते पेपर लीक माफिया के हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। स्वाभाविक तौर से शक की सुई सत्ता में बैठे सफेदपोशों के प्रत्यक्ष या परोक्ष संरक्षण की ओर उठती है, लेकिन सरकार आँख मूंदकर उनका बचाव ही करती नजर आ रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने प्रदेश के युवाओं व शिक्षा पर चौतरफा वार किया है, एक तरफ जहाँ सरकारी स्कूलों में चालीस हज़ार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, दूसरी तरफ नियम 134 ए को ख़त्म करके हरियाणा के लाखों गरीब परिवारों से उनके बच्चों को अच्छे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करवाने का सपना तोड़ दिया है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा में पीजीटी (स्नातकोत्तर शिक्षक) के 15,265, टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) के 18,236, मुख्य अध्यापकों के 1,046, जेबीटी और पीआरटी के 3,929 पद, चौकीदार के 663, माली के 579 तथा सफाई कर्मचारियों के 738 पद खाली हैं। राज्य में ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के 53 फीसदी पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने पिछले हफ्ते ही 4,574 टीजीटी और पीजीटी पदों की भर्ती को वापस ले लिया है।

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में हर दिन एक नया नौकरी घोटाला सामने आ रहा है और पेपर सरेआम बिक रहे हैं। कड़वा सच तो यह है कि न पर्ची, न खर्ची का वादा कर सत्ता में आए मनोहर लाल व दृष्यंत चौटाला ने हरियाणा के युवाओं के भविष्य को पेपर माफिया की ड्योढ़ी पर बेच दिया है, जहाँ अब गुण और दोष के आधार पर कोई लिखित परीक्षा या इंटरव्यू नहीं होता।

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