पंजाब विधानसभा में पास किए गए प्रस्ताव का हो रहा है विरोध

गुरुग्राम। पंजाब के मुख्यमंंत्री भगवंत मान द्वारा चंडीगढ़ को पंजाब स्थानांतरित करने के लिए पंजाब विधानसभा में पास किए गए प्रस्ताव से भाजपा ने इसकी कड़ी निंदा की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे बेमानी बताया है। मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा के अन्य नेताओं ने भी भगवंत मान को घेरा है। पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने कहा है कि कभी भी इस तरह के विवादित फैसले नहीं हो सकते। चंडीगढ़ में शुरू से ही दोनों राज्यों का प्रतिनिधित्व है।

नवीन गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान जिस तरह से कार्य कर रहे हैं, वह उनकी गंभीरता को कम अव्यवहारिक ज्यादा दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा और पंजाब का बराबर का हक है। एक तरफ तो हरियाणा में राजनीति करके आम आदमी पार्टी सत्ता में आने का सपना देख रही है, दूसरी तरफ हरियाणा विरोधी फैसले किए जा रहे हैं। इससे साफ पता चलता है वे अपनी राजनीति के लिए झूठी बातों का सहारा लेते हैं। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने पराली पर पंजाब में हरियाणा के विरोध में बयान देकर अपनी हरियाणा विरोधी सोच को दर्शाया था। अब पंजाब में आप की सरकार ने हरियाणा के विरोध में जो प्रस्ताव पास किया है, उसे भारतीय जनता पार्टी सिरे से नकारती है। चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है। शुरू से ही वहां पर हरियाणा-पंजाब की सरकारों ने काम किया है। यहां तक कि दोनों राज्यों का हाईकोर्ट भी एक ही है। ऐसे में इस तरह के प्रस्ताव पास करने का कोई औचित्य नहीं है।

नवीन गोयल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार को चाहिए कि हरियाणा का हक एसवाईएल के पानी पर अपना रुख साफ करे। हरियाणा को इसके हिस्से का पानी दे। हरियाणा के हक में कोई बात नहीं करने से यह भी साफ हो जाता है कि आप पार्टी सिर्फ अपने फायदे के लिए राजनीति कर रही है। उन्हें इस तरह की राजनीति से बचना चाहिए। भगवंत मान ने राजधानी को लेकर प्रस्ताव पास करके पंजाब की जनता की वाहवाही लूटने का काम किया है। हकीकत वे खुद भी जानते हंै कि ऐसा संभव नहीं है। यह एकतरफा काम नहीं हो सकता। चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी उतना ही हक है, जितना कि पंजाब का है। 

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