— पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र,कहा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाकर प्रधानमंत्री के समक्ष रखे मामला
— चंडीगढ़ पर एकतरफा हक जताकर आम आदमी पार्टी कर रही तुच्छ राजनीति,हरियाणा की जनता आप को नकारेगी : चंद्रमोहन
 — जब राजीव लोंगोवाल एकॉर्ड में चंडीगढ़ मसले पर हरियाणा के हकों पर आई थी आंच,तब भी 1 जून 1986 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा 

पंचकूला, 2 अप्रैल 2022 – चंडीगढ़ पर सिर्फ अपना हक जताने वाले पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव के विरोध में हरियाणा विधानसभा में लगातार चार बार विधायक व प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रह चुके भाई चन्द्रमोहन  ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक पत्र लिखकर विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री के समक्ष सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को साथ लेकर मामला रखने की मांग की है। चन्द्रमोहन ,हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और हरियाणा के विकास में अहम भूमिका रखने वाले स्व० भजनलाल के बड़े सुपुत्र है।श्री चंद्रमोहन ने कहा जब पहले भी प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने की बात आई थी तो उनके पिता ने कड़ा विरोध दर्ज करते हुए हर एक अंतरराज्यीय मसले पर हरियाणा प्रदेश की वकालत पूरे दमदार तरीके से की थी।

चंद्रमोहन ने कहा कि मेरे पिता व तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व भजनलाल जी ने 1 जून 1986 को मुख्यमंत्री के पद से त्याग पत्र देते हुए अपना विरोध दर्ज करवाया था जब राजीव लोंगोवाल एकॉर्ड में चंडीगढ़ मसले समेत अन्य मुद्दों पर हरियाणा के हकों पर आंच आई थी।हरियाणा का पूरा हक चंडीगढ़ पर है,इस बात को भाजपा व आप दोनो ना भूले।

उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कहा है कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का बराबर का हक है और इस पर राज्य की दावेदारी को किसी सूरत में कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा।

इसके साथ ही भाई चंद्रमोहन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कहा है कि वह प्रधानमंत्री से मिलकर एसवाईएल नहर निर्माण के मसले पर अपना पक्ष मजबूती से रखे और साथ ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर हरियाणा के हितों के लिए चंडीगढ़ और एसवाईएल पर एक प्रस्ताव पास करे, ताकि चंडीगढ़ के मुद्दे पर शाह कमीशन की रिपोर्ट और एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट के हरियाणा के पक्ष के निर्णय को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए।ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को आवश्यकता है कि वह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल तैयार करें तथा प्रधानमंत्री से मुलाकात की तैयारी करें।हरियाणा के हितों की रक्षा के लिए हम सब एकजुट हैं।

भाई चन्द्रमोहन  ने यह भी कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को पंजाब को देने का दुस्साहसिक फैसला लिया तो इसे हरियाणा की जनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी तथा आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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