-आवेदकों को अब 15 दिनों में मिलेगी आर्थिक सहायता, लघु सचिवालय में स्थापित की जाएगी हेल्प डेस्क: श्री निशांत कुमार यादव, डीसी गुरुग्राम
-बीमारियों की सूची में जोड़ी गयी 22 अन्य गंभीर बीमारियां
-आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत अधिकतम एक लाख रुपये तक मिलेगा लाभ, आवेदक साल में केवल एक बार ही ले सकेंगे आर्थिक सहायता

गुरुग्राम, 31 मार्च। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर ने कहा कि अंत्योदय के भाव के साथ कार्य कर रही हरियाणा सरकार ने प्रदेश के आम आदमी को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से चिकित्सा उपचार के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में 22 गंभीर बीमारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल करने के साथ ही सभी आवेदनों को जिला स्तर पर उपायुक्त की संस्तुति पर मंजूरी देने का फैसला किया है। वे आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के जिला उपायुक्तों को नई प्रक्रिया के बारे में बताने को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

श्री वी. उमाशंकर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से मिले निर्देशों के तहत पूर्व प्रक्रिया की विषमताओं को देखते हुए इस प्रकिया को आम जनता के लिए सरल बनाने के साथ ही समयबद्ध भी किया गया है।अब आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थी आवेदक सरल पोर्टल https://saralharyana.gov.in/ के माध्यम से इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई आवेदक दूसरे राज्य में इलाज करवा रहा और वह चाहता है कि उपचार की राशि सीधे अस्पताल को मिले तो वह संबंधित अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स भी सांझा कर सकता है।

श्री उमाशंकर ने बताया कि आर्थिक सहायता के लिए आवेदक को इलाज से पूर्व अथवा इलाज के उपरांत जैसे दोनों विकल्प दिए गए हैं। इलाज से पूर्व आवेदक को इलाज का एस्टीमेट देना होगा। वहीं उपचार के बाद सहायता लेने वाले आवेदकों को इलाज से जुड़े सभी दस्तवाज़ प्रस्तुत करने होंगे। इस दौरान उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने अपने जिला के जनप्रतिनिधियों को उपरोक्त नई प्रक्रिया के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं ताकि बाद में किसी प्रकार का संशय ना रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) श्री सुधांशु गौतम ने सभी जिला उपायुक्तों को एक संक्षिप्त प्रेजेंटेशन के माध्यम से पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी भी प्रदान की।

आवेदकों को अब 15 दिन में जिला स्तर पर ही मिलेगी आर्थिक सहायता
बैठक के उपरांत उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने उपस्थित जिला राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग व प्रकिया की मंजूरी से जुड़े अन्य विभागों के पदाधिकारियों को आवेदन मंजूरी की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर अपना आवेदन डालेगा वैसे ही आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे। उसके उपरांत आवेदन को उपायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को आवेदक की चल -अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन तथा सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। इस पूरी प्रकिया में संपत्ति की वेरिफिकेशन के लिए चार दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए दस दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त दोनों विभागों से मिली रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर एकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद स्वीकृत की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।

लघु सचिवालय में स्थापित की जाएगी हेल्प डेस्क
बैठक में उपायुक्त ने नगराधीश दर्शन यादव को निर्देश दिए कि वे ऊपरोक्त प्रकिया के लिए लघु सचिवालय में हेल्प डेस्क स्थापित करवाएं जिसमें आवेदकों के ऑनलाइन आवेदन करवाने के साथ ही उसकी पूरी मोनिटरिंग भी की जाए। डीसी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे उपरोक्त कार्य के लिए एक उप सिविल सर्जन की नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्ति करें, जो आवेदनों के निस्तारण व सत्यापन से जुड़े कार्यों की निगरानी रखे।

आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत अधिकतम एक लाख तक मिलेगा लाभ
डीसी श्री यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत पैसा ही मिलेगा जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपए निर्धारित की गई है। वहीं आवेदक वित्त वर्ष में केवल एक बार ही इस सुविधा का लाभ ले सकता है।

प्रत्येक पखवाड़े पर होगी जिला स्तरीय समिति की बैठक
उपायुक्त ने बताया कि हर पखवाड़े पर जिला स्तरीय समिति की बैठक होगी जिसमें इलाज के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामलों की समीक्षा कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी।

बैठक में नगराधीश दर्शन यादव, गुरुग्राम के तहसीलदार दर्पण कम्बोज, उप सिविल सर्जन डॉ रेणु सरोहा, सोहना के नायब तहसीलदार लच्छीराम, फर्रुखनगर के नायब तहसीलदर रण सिंह गोदारा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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