हेलीमंडी नगरपालिका के किराएदार दुकानदार पहुंचे एमएलए दरबार. दुकानों का मालिकाना हक देने में पालिका प्रशासन द्वारा किंतु परंतु. सरकार की योजनानुसार दुकानदारो को नहीं मिल रहा मालिकाना हक. 30 से 35 वर्ष पुराने किराएदार दुकानदारो की नही हो रही रजिस्ट्री फतह सिंह उजालापटौदी । हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार बनने के बाद किए गए तमाम वादे हाई स्पीड से पूरे हो रहे हैं । लेकिन कुछ मामले ऐसे हैं जोकि स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों के कारण सरकार सहित सरकार के मुखिया, मंत्रियों और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की छवि को भी बाट्टा लगाने जैसा काम कर रहे हैं । मनोहर सरकार के द्वारा घोषणा की गई थी कि नगर परिषद, नगर पालिका, नगर निगम, जिला परिषद के किराएदार दुकानदारों को मालिकाना हक देते हुए उनकी दुकानों की रजिस्ट्री किरायेदारों के नाम ही करवाई जाएगी। लेकिन एक लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी पटौदी विधानसभा क्षेत्र की हेलीमंडी नगरपालिका इलाके के पालिका दुकानों के किराएदार दुकानदारों का यह मनोहर सपना पूरा नहीं हो पा रहा है । सरकार के द्वारा कथित रूप से शर्त लगाई गई थी कि ऐसे किराएदार दुकानदारों को दुकानों की रजिस्ट्री के साथ मालिकाना हक दिया जाएगा जो कम से कम 20 वर्ष से अधिक समय से किराएदार हैं। हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन की लगभग 200 दुकाने बनाकर पुरानी अनाज मंडी हेली मंडी परिसर, रामपुर रोड, जाटौली फाटक रोड, पटौदी रोड, रेलवे ओवरब्रिज के दोनों तरफ जाटोली क्षेत्र में किराये पर दी हुई है, समय और शर्तों के मुताबिक सभी दुकानों का किराया भी अलग-अलग है। हरियाणा में मनोहर सरकार के द्वारा नगरपालिका के किराएदार दुकानदारों को दुकानों का मालिकाना हक दुकानों की रजिस्ट्री के साथ देने की घोषणा के बाद से दुकानदारों में सरकार के प्रति जहां भरोसा पहले से अधिक मजबूत हुआ, वही खुशी भी देखी गई । लेकिन समय बीतने के साथ-साथ जब किराएदार दुकानदारों के द्वारा तमाम दस्तावेजों सहित औपचारिकताएं पूरी कर हेली मंडी नगर पालिका कार्यालय में अपने अपने आवेदन जमा करवा दिए गए । इसके बाद से चक्कर काटने और कटवाने का सिलसिला बना हुआ है । लेकिन पालिका प्रशासन हेलीमंडी के द्वारा कोई भी संतोषजनक जवाब और सरकार का आधिकारिक दस्तावेज आवेदक दुकानदारों को उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा, जिससे यह पता लग सके की दुकानों की रजिस्ट्री क्यों और किन कारणों से नहीं हो रही है ? इसी समस्या को लेकर हेलीमंडी नगरपालिका के किराएदार दुकानदारों का प्रतिनिधिमडल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एवं पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के दरबार पहुंचा। पालिका किराएदार दुकानदारों में डॉ दयानंद रूस्तगी, नरेश अग्रवाल, धीरज , जगदीश, लीलू राम, ताराचंद सहित और भी दुकानदार शामिल रहे । इनके साथ में पालिका के मनोनीत पार्षद श्री पाल चौहान भी पैरवी करने के लिए पहुंचे । दुकानदारों के द्वारा एम एल ए एडवोकेट जरावता को सौंपे गए मांग पत्र में कहा गया है कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और शहरी स्थानीय निकाय स्वामित्व योजना के तहत ऑनलाइन पोर्टल पर लाइब्रेरी मार्केट जहां पर हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन का 2 दशक से अधिक समय तक कार्यालय संचालित रहा, यहां के दुकानदारों के द्वारा मालिकाना हक अथवा रजिस्ट्री के लिए आवेदन किया गया है । लेकिन बिना कोई ठोस कारण बताएं और सरकार या फिर स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारिक दस्तावेज दिए बिना ही दुकानदारों के आवेदन रद्द कर दिए गए हैं । आवेदन रद्द किए जाने वाले दुकानों की क्रम संख्या 24 से लेकर 48 तक बताई गई है । दूसरे शब्दों में करीब 25 दुकानदारों के आवेदन रद्द किए गए हैं । यह सभी दुकानदार लगभग 25 से 30 वर्ष से हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन को नियमित रूप से किराए का भुगतान करते आ रहे हैं । इन सभी दुकानदारों ने पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता से अनुरोध किया है कि हरियाणा सरकार और शहरी स्थानीय निकाय स्वामित्व योजना के मुताबिक दुकानों की रजिस्ट्री करवा कर मालिकाना हक दिलाया जाए। जरावता ने दिलाया भरोसाएमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा दुकानदारों को भरोसा दिलाया गया है कि यह समस्या उनके संज्ञान में आने के बाद जो भी कोई विभागीय या अन्य परेशानी या फिर अड़चन आ रही है, उसका पता लगा कर जल्द से जल्द समस्या का समाधान करवाया जाएगा। जिससे कि हरियाणा की मनोहर सरकार की घोषणा और शहरी निकाय विभाग की योजना के तहत पालिका के किराएदार दुकानदारों को उनकी दुकानों का रजिस्ट्री के बाद पूरा लाभ मिल सके। हेली मंडी पालिका प्रशासन का अपना तर्कगौरतलब है कि बीते सप्ताह ही हेलीमंडी नगर पालिका कार्यालय परिसर में पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा पब्लिक ग्रीवेंसिस के दौरान हेलीमंडी पालिका के किराएदार दुकानदारों के द्वारा यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया था । इस संदर्भ में जब पालिका के सचिव से जानकारी मांगी गई तो पालिका सचिव पंकज जून में भेद खोला कि संबंधित दुकाने जिस जिस स्थान पर बनी है, उस जमीन का मालिकाना हक अथवा मालिक हरियाणा सरकार है। यह जवाब बेहद चौंकाने वाला है और अविलंब जांच का विषय भी है कि हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन बीते करीब तीन दशक से किराया वसूल करने के बाद अब रजिस्ट्री करवाने के समय कह रहा है कि दुकानें हरियाणा सरकार की जमीन पर बनी है ! निश्चित ही यह जवाब हैरान करने वाला, चौंकाने वाला है । पालिका द्वारा बनाई दुकानों की हो जांचइस पूरे मामले में लोगों के द्वारा सवाल भी उठाए जाने शुरू कर दिए गए हैं । आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश के मुताबिक गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा, जिला के डीसी निशांत कुमार यादव, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता, स्थानीय स्वशासन विभाग के निदेशक को इस पूरे मामले में स्वतः संज्ञान ले लेना चाहिए और हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा दुकाने कहां और राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक किस विभाग के स्वामित्व वाली जमीन पर बनाई गई हैं ? इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि मामले की जांच होने के बाद पालिका प्रशासन और अधिकारियों सहित वर्तमान और निवर्तमान पालिका पार्षदों की भी जवाब देना पड़ सकता है। क्यो कि हाउस में प्रस्ताव पास होने के बाद ही पालिका दुकानों का निर्माण करवाया जाता है और स्थानीय अधिकारी की मौजूदगी में किराए की बोली लगती है । इसके साथ ही दुकानों के आकार-प्रकार का भी रिकॉर्ड सबके सामने आ जाएगा। Post navigation किसानों में बनी जिज्ञासा, प्रति एकड़ 4 क्विंटल सरसों ज्यादा ! पटौदी क्षेत्र की 3 सड़कों को एमडीसी रोड बनाने का अनुरोध