– अपना काम कराने आए लोगों को बिना काम कराए लौटना पड़ा वापस

गुड़गांव, 29 मार्च, (अशोक):  देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन भी मंगलवार को कई श्रमिक प्रतिष्ठानों व सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने के कारण कार्य बाधित रहा। शहरवासी जिन्हें हड़ताल का मालूम नहीं था वो अपने काम के लिए नगर निगम व अन्य सरकारी कार्यालयों में पहुंचे, लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण उन्हें बिना काम कराए ही वापस लौटना पडा। दूसरे दिन बैंकों में भी हड़ताल रही जिससे बैंकिंग की सुविधा भी ग्राहकों को नहीं मिल सकी। कारोबार भी प्रभावित हुआ बताया जाता है। बैंक कर्मचारी भी अपनी लंबित पड़ी मांगों व निजीकरण को लेकर दो दिवसी देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए हैं।

बैंकों के बाहर कर्मचारी व अधिकारी प्रदर्शन करते दिखाई दिए। इसी प्रकार सरकारी बैंकों के बाहर हड़ताल की सूचना के लिए नोटिस चस्पा किया हुआ था। बैंकों में भी लोग अपने कामकाज के लिए आए, क्योंकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला इसलिए आवश्यक कार्यों के लिए लोग बैंकों में काम कराने के लिए आए थे, लेकिन हड़ताल होने के कारण उन्हें वापस जाना पडा।

उधर, श्रमिक यूनियनें भी दूसरे दिन हड़ताल में शामिल रही। अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने बैठकें भी की और सरकार से आग्रह किया कि श्रम कानूनों में जो संशोधन किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए। अन्यथा श्रमिकों को और अधिक लंबा आंदोलन छेड़ना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की ही होगी। उधर सरकारी विभागों के कर्मचारी पुरानी पेंशन नीति को लागू कराने की मांग भी करते दिखाई दिए। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि देश के कई प्रदेशों की सरकार पुरानी पेंशन नीति को लागू कर चुकी है तो हरियाणा में भी पुरानी पेंशन नीति को लागू करना चाहिए ताकि इसका लाभ कर्मचारियों को मिल सके।

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