बैठक में सात अल्पसंख्यक जिलों के 15 खण्डों के लिए 113 करोड़ रुपये की 53 परियोजनाओं को मिली मंजूरी
इन जिलों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी सभी परियोजनाओं का त्वरित कार्यान्वयन करें सुनिश्चित- मुख्य सचिव

चण्डीगढ़, 28 मार्च – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में आज यहां हुई प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के लिए ग‌ठित राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में चिन्हित सात अल्पसंख्यक जिलों फतेहाबाद, नूंह, कैथल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, पलवल और यमुनानगर के 15 खण्डों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास आदि की 113 करोड़ रुपये की 53 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। इन परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।

श्री कौशल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के समग्र विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करके सामाजिक-आर्थिक असंतुलन को कम करना है। इसलिए  सभी परियोजनाओं का जल्द से जल्द कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

फतेहाबाद के लिए 10.79 करोड़ रुपये की 6 परियोजनाएं स्वीकृत
मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि फतेहाबाद के दो खण्डों- रतिया और जाखल में 6 परियोजनाओं पर 10.79 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन परियोजनाओं में सरकारी स्कूलों में 14 टिंकरिंग लैब, 11 बहुउद्देशीय हॉल और दो समुदाय प्रबंधित प्रशिक्षण केंद्रों (सीएमटीसी) का निर्माण कार्य शामिल है।

नूंह में 47 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाएं स्वीकृत
बैठक में बताया गया कि नूंह जिला के 4 खण्डों- नूंह, फिरोजपुर झिरका, नगीना और पुन्हाना में 14 परियोजनाओं पर 47.40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 48 स्टाफ क्वार्टर और प्रत्येक खण्ड में चार सीएमटीसी का निर्माण कार्य शामिल है।

कैथल में 5 परियोजनाओं पर खर्च होंगे 12.66 करोड़ रुपये
मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि गुहला और सीवान दो खण्डों में 5 परियोजनाओं पर 12.66 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में दो मिनी ऑडिटोरियम और प्रत्येक ब्लॉक में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए दो सीएमटीसी का निर्माण कार्य शामिल है। इसके अलावा चीका में वृद्धाश्रम भी बनाया जाएगा।

कुरुक्षेत्र के लिए 5 करोड़ रुपये की 2 परियोजनाएं स्वीकृत
बैठक में कुरुक्षेत्र जिला के पिहोवा खण्ड के लिए 5.32 करोड़ रुपये की 2 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें एक सीएमटीसी, एक कौशल विकास केंद्र भवन के निर्माण के साथ-साथ प्रशिक्षण केंद्र के लिए मशीनरी व उपकरण और फर्नीचर आदि की खरीद शामिल है।

सिरसा में 16 परियोजनाओं पर खर्च होंगे 28 करोड़ रुपये
मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि जिला सिरसा के चार खण्डों-बारागुधा, डबवाली, ऐलनाबाद और ओढान में 16 परियोजनाओं पर 28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें सरकारी स्कूलों में 144 अतिरिक्त कक्षों, स्वयं सहायता समूहों के लिए चार सीएमटीसी, दो पीएचसी और एक सीएचसी का निर्माण कार्य शामिल है। इसके अलावा, सिविल अस्पताल ऐलनाबाद में 20 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु विंग के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की गई है।

पलवल में 5 परियोजनाओं पर खर्च होंगे 4.87 करोड़ रुपये
बैठक में बताया गया कि पलवल के हथीन खण्ड में पांच परियोजनाओं पर 4.87 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें स्वयं सहायता समूहों के लिए सीएमटीसी का निर्माण, 30 सरकारी स्कूलों की चारदीवारी, 12 सरकारी स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का कार्य शामिल हैं। इसके अलावा, बैठक में सरकारी स्कूलों में शौचालय (6 लड़कियों के लिए और 3 लड़कों के) के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है।

यमुनानगर के लिए में 4 करोड़ रुपये की 5 परियोजनाएं स्वीकृत
बैठक में यमुनानगर जिले के छछरौली खण्ड के लिए 4 करोड़ रुपये की 5 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें सीएचसी, खिजराबाद में डॉक्टरों के लिए आवासीय भवनों का निर्माण, मल्टी स्पेशलिटी हॉल, 11 आंगनवाड़ी केंद्र, ऑडिटोरियम भवन और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए सीएमटीसी का निर्माण करना शामिल हैं।

बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमीत झा, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री  आनंद मोहन शरण, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार और विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक श्री आर सी बिढान उपस्थित थे। इसके अलावा, सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल, उक्त सात जिलों के उपायुक्त और समिति के गैर-सरकारी सदस्य भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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