आंदोलनरत आंगनवाडी कर्मियों….. खट्टर सरकार के सत्ता अंहकार के चलते हडताल खत्म नही हो रही : विद्रोही

भाजपा खट्टर सरकार आंदोलनरत आंगनवाडी कर्मियों की मांगों को तो मानने को तैयार है, पर इन महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाकर हडताल क्यों की, यह मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर को बर्दाश्त नही : विद्रोही

25 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि 108 दिनों से अपनी जायज मांगों के लिए धरने पर बैठी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के साथ उनकी मांगों पर हरियाणा सरकार द्वारा व आंगनवाडी यूनियन के बीच हडताल समाप्त करने पर सहमति होने के एक पखवाड़े बाद भी भाजपा खट्टर सरकार के सत्ता अंहकार के चलते हडताल खत्म नही हो रही है।

विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से सवाल किया कि जब सीएमओ के अधिकारियों व आंदोलनरत आंगनवाडी कर्मियों की यूनियनों के साथ सरकार की उनकी मांगों पर सिंद्धाहित सहमति हो गई तो हडताल-आंदोलन के दौरान टर्मिनेट की गई 547 आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के मुद्दे पर भाजपा खट्टर सरकार हठीला रवैया अपनाकर जान-बूझकर हड़ताल क्यों जारी रखवाना चाहती है। भाजपा सरकार का यह रवैया बताता है कि संघी सरकार कितनी सत्ता अहंकारी, कर्मचारी व महिला विरोधी सरकार है। भाजपा खट्टर सरकार आंदोलनरत आंगनवाडी कर्मियों की मांगों को तो मानने को तैयार है, पर इन महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाकर हडताल क्यों की, यह मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर को बर्दाश्त नही, इसलिए वे आंगनवाडी यूनियन महिला नेताओं पर अपना सत्ता रौब गांठने उन्हे टर्मिनेट करने की अपनी अनावश्यक जिद के चलते उनकी मांगों पर सहमति होने के बाद भी हड़ताल खत्म नही करवा रहे है।

विद्रोही ने कहा कि लोकतंत्र में जनता के चुने एक मुख्यमंत्री का ऐसा गैरलोकतांत्रिक रवैया बहुत ही निंदनीय व गैरजिम्मेदारपूर्ण है। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से विरोध करने का अधिकार हर सरकारी कर्मचारी सहित प्रदेश के हर नागरिक को है। एक ओर भाजपा-संघ लोगों की आंखों में धूल झोंकने महिला सम्मान के कसीदे पढ़ते है, लेकिन दूसरी ओर महिलाओं का दमन करने का कोई मौका नही चूकते। संघी हिन्दुत्व की विचारधारार में कहने को नारी को देवी बताकर उसकी पूजा करने का ढोंग किया जाता है, पर जमीनी धरातल पर महिलाओं का मानसिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, शारीरिक शोषण करने में संघी विचाराधारा सबसे आगे रहती है।

विद्रोही ने कहा कि एक ओर खट्टर के कुशासन में हरियाणा में महिलाएं सुरक्षित नही। वे रेप, गैंगरेप, यौन शोषण की शिकार हो रही है, वहीं सरकारी नौकरी में भी उनका भाजपा सरकार दमन, शोषण करने में नम्बर वन है। आंगनवाडी कर्मियों का आंदोलन इसका जींवत प्रमाण है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से आग्रह किया कि वे सत्ता अहंकार व दमन का रवैया छोडकर एक पखवाडे पूर्व आंगनवाडी कर्मियों से हड़ताल खत्म करने पर बनी सहमति निर्णय को लागू करे व 547 आंगनवाडी कर्मियों को टर्मिनेशन करने की अपनी सत्ता हठ छोडकर तत्काल हड़ताल खत्म करवाये। 

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