आशंका हत्या के बाद पहचान छिपाने के लिए ऐसा किया. अज्ञात के खिलाफ किया गया हत्या का मामला दर्ज. यह घटना बाबा हरदेवा मंदिर के पीछे की बताई गई. मेवात, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी, नारनौल पुलिस को दी सूचना फतह सिंह उजाला पटौदी । शनिवार को उस समय खलबली सी मच गई , जब झुंडों के बीच और पत्थरों के नीचे दबा हुआ गली साड़ी अवस्था में मृतक का शव बरामद हुआ । यह घटना पटौदी रेलवे स्टेशन और इंछापुरी रेलवे स्टेशन के बीच बाबा हरदेवा मंदिर के पीछे की बताई गई है। बाबा हरदेवा मंदिर के पीछे झुंडों के बीच अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है । मौके पर बुलाई गई सीन ऑफ क्राइम टीम के मुताबिक प्रथम दृष्टि यह मामला हत्या का बताया गया और हत्या के बाद मृतक की पहचान छिपाने के नियत से ही शव को खुर्द -बुर्द करने के लिए झुंडों के बीच पत्थरों नीचे दबा कर छोड़ दिया गया । इस संदर्भ में जीआरपी चौकी पटौदी इंचार्ज कृष्ण कुमार के द्वारा गुरुग्राम पुलिस कंट्रोल को भी सूचना देने के साथ ही मृतक की पहचान के लिए मेवात, झज्जर , रोहतक, रेवाड़ी, नारनौल व आसपास के थाना पुलिस को सूचित किया गया है । इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के बाद शव को खुर्द-बुर्द करने का मामला दर्ज किया गया है । आसपास की थाना पुलिस को भी सूचना देते अनुरोध किया गया है कि यदि किसी थाना में किसी व्यक्ति के गुम होने संबंधित कोई मामला दर्ज हो तो पहचान के लिए संपर्क किया जा सकता है। मृत अवस्था में मिले व्यक्ति के दाएं हाथ की हथेली पर ओम लिखा हुआ है तथा उम्र लगभग 35 वर्ष के करीब आंकी गई और कद 5 फुट और 7 इंच के लगभग बताया गया है । मृतक के शरीर पर आधी बाह की हल्के हरे रंग की टीशर्ट , सफेद बनियान , हल्की नीली पेंट, डीक्सी कंपनी का नीले रंग का अंडरवियर , जेब में आसमानी रंग का रुमाल , नीले रंग की पट्टी वाला मास्क पाया गया है । इस बात की आशंका जाहिर की जा रही है कि जिस हालात में मृतक का गला सड़ा शव बरामद हुआ है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की मौत अथवा उसकी हत्या कई दिन पहले हो चुकी है । मृतक की पहचान छिपाने की नीयत से ही शव को यहां झुंडों के बीच और पत्थरों के नीचे रेलवे की हद में लाकर छिपा दिया गया । स्थाानीय जीआरपी पुलिस ने आसपास के लोगों से भी मृतक के हुलिए और पहने गए कपड़े के मुताबिक पहचान की अपील की है। Post navigation शिक्षा से ही सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण होगा: जरावता बुजुर्गों की सेवा और आशीर्वाद कभी निष्फल नहीं होते: राव इंद्रजीत