खेड़ी चौपटा तहसील के किसानों व बास के ग्रामीणों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा – जस्सी पेटवाड़

नारनौंद / हांसी ,19 मार्च । मनमोहन शर्मा

 खेड़ी चौपटा तहसील के 17 गावों के किसानों को मुआवजे से वंचित रख कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। पिछले 5 दिनों से खेड़ी चौपटा तहसील के किसान ताला लगाकर धरना दे रहे हैं। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा है। वहीं दूसरी तरफ 21 दिनों से बास के ग्रामीण नगर पालिका को भंग के लिए धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। उक्त शब्द कांग्रेस नेता जस्सी पेटवाड़ ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहे। उन्होंने दोनों मांगों को लेकर नेताप्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को मांग पत्र सौंपा है । जिसमें बास के ग्रामीणों व खेड़ी चौपटा तहसील के अंतर्गत आने वाले 17 गांवों के किसानों की मांग को उन्होंने प्रमुखता से उठाने की मांग की है। जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे। 

  जस्सी पेटवाड़ ने कहा कि भाजपा जजपा गठबंधन सरकार किसान विरोधी है। पिछले डेढ़ सालों से किसानों को दिल्ली के बॉर्डर पर बैठाए रखा और अब जब किसानों के खेतों में सरसों की फसल कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में किसानों को धरने पर बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। लेकिन सरकार को पता होना चाहिए कि डेढ़ साल बोर्डरों पर बैठने के बाद भी किसानों ने अपनी लड़ाई को जीत कर ही दम लिया था । खेड़ी चौपटा के किसान भी मुआवजा लेकर ही धरने से उठेंगे और कांग्रेस पार्टी हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है।

 जब बास गांव के ग्रामीणों को नगर पालिका बनने से आपत्ति है तो सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर ग्रामीणों की बात को मानते हुए तुरंत नगरपालिका को रद्द कर देना चाहिए और फिर से पंचायत का दर्जा बहाल कर देना चाहिए। सरकार आम जनता को सुविधाएं देने के लिए लोग चुनते हैं और जब सरकार लोगों की बात को अनसुना कर उन को प्रताड़ित करने का काम करें तो उस सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं होता ।

जस्सी पेटवाड़ ने कहा कि बीजेपी और जजपा के नेता यहां वोट मांगने तो आ जाते हैं लेकिन बीच में कोई भी हल्के की सुध लेने नही आता ।

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