शहीद ब्रिगेडियर अमरिंदर सिंह टेबलेट लैब का उद्घाटन. ईमानदारी से मेहनत करने पर ही प्राप्त होती है कामयाबी. लाइफ स्किल कैंप के अंतर्गत कलाकृतियों की प्रदर्शनी फतह सिंह उजालापटौदी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बास पदमका में शहीद ब्रिगेडियर अमरिंदर सिंह टेबलेट लैब का उद्घाटन एडीसी विश्राम कुमार मीणा द्वारा किया गया। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती कैप्टन इंदू बोकन कसाना, खंड शिक्षा अधिकारी डॉक्टर धर्मपाल, इंडिया लीड, अमेजॉन फ्यूचर इंजीनियर, अमेजॉन इंडिया अक्षय कश्यप, डायरेक्टर स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप – अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन कविता श्रीवास्तव, हेड ऑफ ऑपरेशन अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन रेणुका मालाकर , बावनी प्रधान राजेश चौहान बोहडा कला , प्रधानाचार्य पुरुषोत्तम कुमार, प्रधानाचार्य डॉ अलका, प्रधानाचार्य राजेश कुमार मित्तल, प्रधानाचार्य रामदास खटाना, प्रधानाचार्य कुलभूषण, पूर्व जिला पार्षद श्री भगवान नंबरदार, स्कूल स्टाफ बास पादमका तथा संख्या में ग्रामवासी मौजूद थे। इस मौके पर एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने बच्चों को शिक्षा के महत्व तथा शिक्षा में टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया , इंटरनेट के महत्व पर चर्चा की तथा टैबलेट लैब के अधिक से अधिक उपयोग की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता, ईमानदारी से मेहनत करने पर ही कामयाबी प्राप्त होती है । इस मौके पर ग्राम वासियों द्वारा रखी गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया । इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन कसाना ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी । स्कूल प्रधानाचार्य राजेश कुमार मित्तल ने शहीद ब्रिगेडियर अमरिंदर सिंह कसाना के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला तथा बताया कि किस प्रकार कारगिल युद्ध में, ब्रिगेडियर अमरिंदर सिंह ने अदम्य साहस दिखाया तथा वीर चक्र प्राप्त किया। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी डॉक्टर धर्मपाल ने सभी आए हुए मेहमानों तथा ग्राम वासियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर विद्यालय में विद्यार्थियों के द्वारा लाइफ स्किल कैंप के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों की एवं कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसमें कलस्टर बास पदमका एवं ऊंचा माजरा के विद्यालयों ने भाग लिया। सभी उपस्थित अतिथियों ने बच्चों के इस हुनर को बहुत सराहा और प्रात्साहित किया। Post navigation इम्तिहान बाकी है अभी हौसलों का, वक़्त आ गया है अब कड़े फ़ैसलों का : सुनीता वर्मा हास्य और व्यंग मानव जीवन का अभिन्न अंग: एमएलए जरावता