इम्तिहान बाकी है अभी हौसलों का, वक़्त आ गया है अब कड़े फ़ैसलों का : सुनीता वर्मा

इवीएम प्रेग्नेंट तो थी, मगर नॉर्मल डिलिवरी नहीं हो पाई सीधा ऑपरेशन हुआ तो बीजेपी निकल आईं

10/3/2022 :- ‘कांग्रेस भले ही 5 राज्यों में चुनाव हार रही है, बहुत बुरा प्रदर्शन है फिर भी मैं कांग्रेस के साथ हूं क्योंकि किसी ने अगर कुछ खोया है तो कांग्रेस ने खोया इस देश को बहुत कुछ दिया है इसने, अपने खून को इस धरती में सींच के हिंदुस्तान बनाया है।’ उक्त बातें महिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सुनीता वर्मा ने चुनाव परिणामों को लेकर कही। उन्होनें प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि पहले प्याज़ के दाम, पैट्रोल के भाव बढ़ने पर सरकारें गिर जाती थी अब तो लोगों पर गाड़ी चढा कर उन्हें मारने पर, महंगाई पर फिर सरकार बन जाती है,सोचने वाली बात है?

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीति की शुचिता बनाये रखने के लिए पीड़ित और शोषित लोगों को पार्टी की टिकट थमा कर एक आदर्श स्थापित किया है, इसलिए इन चुनावी नतीजों से हम निराश जरुर हैं पर हताश नहीं, हम फिर से खड़े होंगे।

वर्मा ने कहा कि उम्मीद है अब जनता को 5 किलो राशन मुफ्त मिलता रहेगा और बिजली भी मुफ़्त में मिलेगी, महंगाई भी अब कम होगी, किसान की आय चार गुणा होगी और महिलाएँ भी अब सुरक्षित रहेंगी। उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने बेबसी, लाचारी, बेरोज़गारी, महंगाई की अनदेखी करके जिन्दा रहने को ही विकास मानते हुये वोट किया ये इन चुनाव परिणामों ने साबित कर दिया है।

महिला नेत्री ने कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष की मजबूत भूमिका निभाई सभी मुद्दे उठाये बेरोज़गारी, महंगे पेट्रोल के दाम, कोरोना, लखीमपुरी खीरी उन्नाव व हाथरस काण्ड पर पीड़ितों की लड़ाई मजबूती से लड़ी किन्तु बीजेपी के पास मीडिया मैंनेजमेंट, संवैधानिक संस्थाएं, इडी, सीबीआई, चुनाव आयोग व मनी पावर है और इसकी दम पर वो वोटरों और नेताओं को डराने व प्रभावित करने में कामयाब रही।

उन्होनें प्रेस के नाम जारी पत्र में कहा कि धर्म के नशे में जनता और सरकार देश को बर्बाद करवाने पर आमादा हैं। इस बीजेपी की जीत को गणित के इस समीकरण से समझा जा सकता है की 700 किसानों की मृत्यु + बेरोजगारी + हाथरस + रेप + धराशाही कानून व्यवस्था + महंगाई + ठप्प व्यापार = भाजपा की जीत।

वर्मा ने सवाल किया कि पोस्टल बैलेट में बुरी तरह्ं हार रही बीजेपी ईवीएम कैसे जीती? उन्होनें कहा कि सात चरणों में चुनाव कराये जाने का गूढ रहस्य भी अब समझ आ गया, एक चरण का प्रचार खत्म करके नेता दुसरे चरण में व्यस्त और बीजेपी पहले चरण का पोस्टमार्टम करने में व्यस्त। वर्मा के अनुसार अगर कोई ये कहता है की गड़बड़ी नही हुई तो ये मशीनें कैसे पकड़ी गई, डीएम क्यों बर्खास्त किए गए।

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