यूक्रेन में मौत को  पीछे छोड़ , सागर खैरवाल गांव मौहम्मदपुर लौटा

यूक्रेन में मौत के साये में व्यतीत किए हर पल को सांझा किया.
युक्रेन की जिपरोजिया यूनिर्वसटी में एमबीबीएस के लिए गया था.
सप्ताह तक खाना, पीना तो दूर ठीक तरह से सो भी नहीं पाया

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
यूक्रेन और रूस के बीच एक सप्ताह से चल रहे भीषण युुद्ध के फंसे भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ग्रामीणों व परिजनो में भारी उत्साह है । युक्रेन की जिपरोजिया यूनिर्वसटी में एमबीबीएस की शिक्षा प्राप्त कर रहे फर्रूखनगर खंड के गांव मौहम्मदपुर निवासी सागर खैरवाल पुत्र राकेश यादव गुरुवार को दोपहर बाद सहकुशल अपने घर पहुंच गया । वतन वापसी पर क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया प् सागर खैरवाल ने यूक्रेन रूस युद्ध के समय यूक्रेन में मौत के साये में व्यतीत किए एक एक पल को सांझा किया और आंखों में आंसू छलक आये ।

सागर ने बताया कि मौत के मंजर का खौफ इतना था कि वह पिछले एक सप्ताह तक खाना, पीना तो दूर ठीक तरह से सो नहीं पाये है । बम्ब के धमाके दिल दहलाने वाले थे। वतन वापिस लौट कर राहत की सांस मिली है प्।सागर ने बताया कि युद्ध में फंसे सभी छात्रों को सरकार व दुतावास का पूरा सर्मथन मिला। जिसके लिए वह अपने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उनकी टीम के आभारी है ।

तिरंगे की ताकत, यूक्रेन से सकुशल लौटा
उपमंडल अधिकारी नागरिक पटौदी प्रदीप कुमार व नायब तहसीलदार रणसिंह गौदारा ने बताया कि फरुखनगर क्षेत्र से 7 विद्यार्थी यूक्रेन गये थे । जिनमें से एक छात्र सागर खैरवाल वापिस अपने घर सकुशल पहुंच गया है। बाकि बच्चे भी रास्ते में है जिनको वापिस लाने के लिए प्रशासन पुरी तरह से मुस्तैद है। इधर सागर के पिता राकेश यादव, माता रेखा देवी, भाई यश कुमार एवं दादा भगवानदास ने अपने लाडले से मिलकर भारत सरकार, आला अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन का धन्यवाद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज भारत मे ही नहीं बल्कि विदेशों में भी डंका बज रहा है। तिरंगे की ताकत की वजह से ही आज यूक्रेन से छात्र अपने वतन सकुशल लौट रहे हैं।

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