प्रकृति प्रकोप, वर्षा, ओलावृष्टि से 2019-20 में नष्ट फसलों का मुआवजा सरकार की घोषणा के बाद भी अधिकांश किसानों को अभी नही मिला : विद्रोही भाजपा सरकार नष्ट फसलों की गिरदावरी करने में जान-बूझकर देरी करके प्रभावित किसानों को नष्ट फसलों का जायजा लेने के प्रथम दौर में ही मुआवजा के लिए अपात्र बना देती है : विद्रोही ऐसी स्थिति में फरवरी 2022 में ओलावृष्टि से नष्ट फसलों का मुआवजा किसानों को मिलेगा भी या नही, इसमें संशय होना स्वभाविक है : विद्रोही 2 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि ओलावृष्टि से दक्षिणी हरियाणा के विभिन्न गांवों में नष्ट हुई सरसों, गेंहू फसल का मुआवजा किसानों को मिले, यह आश्वासन केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह, भाजपा खट्टर सरकार के मंत्री, भाजपा विधायक प्रभावित किसानों को दे रहे है, पर मुआवजे के संदर्भ में किसानों के विगत अनुभव के चलते किसानों को इन सरकारी दावों पर विश्वास नही हो रहा है। विद्रोही नेे कहा कि दक्षिणी हरियाणा में प्रकृति प्रकोप, वर्षा, ओलावृष्टि से 2019-20 में नष्ट फसलों का मुआवजा सरकार की घोषणा के बाद भी अधिकांश किसानों को अभी नही मिला। ऐसी स्थिति में फरवरी 2022 में ओलावृष्टि से नष्ट फसलों का मुआवजा किसानों को मिलेगा भी या नही, इसमें संशय होना स्वभाविक है। भाजपा खट्टर सरकार व बीमा कम्पनियों की मिलभगत से नष्ट फसलों के मुआवजे के लिए बीमा कम्पनियों के सम्बन्धित एप पर खराब फसल का ब्यौरा लोड करने व उसे वैरिफाई करने के बीच आधे से ज्यादा किसानों को मुआवजे का पात्र होते हुए भी आऊट कर दिया जाता है और बाकी जो किसान बचतेे है, उनको तकनीकी कारणों की आड़ में नाममात्र का मुआवजा देकर औपचारिकता पूरी करके किसानों को ठग लिया जाता है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार नष्ट फसलों की गिरदावरी करने में जान-बूझकर देरी करके प्रभावित किसानों को नष्ट फसलों का जायजा लेने के प्रथम दौर में ही मुआवजा के लिए अपात्र बना देती है। सरकार व बीमा कम्पनियों के मिलीभगत के इस खेल में किसान को मुआवजे के नाम पर ठेंगा दिखा दिया जाता है। फरवरी 2022 में ओलावृष्टि से नष्ट फसलों का किसानों को नाममात्र का मुआवजा देना पडे, यह खेल शुरू हो चुका है। नष्ट फसलों से प्रभावित किसानों से मिलने से गए केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के समक्ष यही आशंका किसानों ने रखी। मंत्री लाख दावा करे, पर भाजपा खट्टर सरकार बीमा कम्पनियों से मिलकर किसानों को मुआवजा से वंचित करने की तिकडमों से बाज नही आती। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मांग की कि फरवरी 2022 में ओलावृष्टि से नष्ट फसलों की विशेष गिरदावरी तत्काल हो और किसान का मुआवजा देने में तकनीकी कारणों को आधार बनाकर मुआवजा से वंचित करने की बजाय गिरदावरी के आधार पर सभी प्रभावित किसानों को नष्ट फसलों का पूरा मुआवजा सरकार दिलवाये। Post navigation यूक्रेन संकट: बुधवार से मुंबई एयरपोर्ट पर हेल्प डेस्क स्थापित करेगी हरियाणा सरकार आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर की भर्ती पर मुहर